आरयू ब्यूरो, लखनऊ/बुलंदशहर। यूपी में बुधवार को दर्दनाक हादसा हो गया। एक निर्माणाधीन मकान की छत गिरने से पति-पत्नी और उनके दो बेटों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। छत गिरने की आवाज सुन आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे तो सन रह गए। आनन-फानन में ग्रामीणों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से राहत बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को रेसक्यू कर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही। वहीं शवों को पोस्टमार्ट के लिए भिजवाया।
पुलिस ने बताया की घटना नरसेना थाना क्षेत्र के गांव मवई की है। जहां मवई निवासी हरचरण सिंह गांव में अपने मकान का निर्माण करा रहे थे। इस दौरान मकान के फर्स्ट फ्लोर पर पुराना लिंटर पड़ा था, जबकि निर्माण कार्य सेकेंड फ्लोर पर चल रहा था। इस क्रम में मंगलवार शाम को सेकेंड फ्लोर के तीन कमरों पर छत ढाली गयी थी। कल रात लिंटर का काम निपटाकर परिवार के सभी 15 सदस्य ग्राउंड फ्लोर पर सो गए। एकाएक बुधवार तड़के करीब तीन बजे निर्माणाधीन लिंटर पुरानी छत पर आ गिरा, कंक्रीट का भार नहीं संभाल पाने के चलते पुरानी छत भी ढह गयी और नीचे सो सभी सदस्य मलबे में दब गए।
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छत गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आस-पास मौजूद लोगों की आंख खुल गई। जब ग्रामीणों ने घरों से निकलकर देखा तो घटना की जानकारी हुई। ये देख ग्रामीण मदद के लिए दौड़े। साथ ही सूचना पर पहुंची रेस्क्यू टीम के साथ गांव वालों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया।
बचाव दल ने काफी मशक्कत के बाद मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक हरचरण के पिता राजपाल (52), उनकी पत्नी सुनीता (50), उनके दो बेटे धर्मेंद्र (19) और कुलदीप (25) की मलबे में दबकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकी परिवार के अन्य 11 सदस्यों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सही से नहीं हुई थी शटरिंग
समझा जा रहा है कि ढलाई के समय छत की शटरिंग सही नहीं होने के चलते निर्माणाधीन छत का मसाला नीचे गिर गयाा और उसके भार से पुरानी छत भी ढहने से हादसा हुआ है। पुलिस मामले की जांच करने के साथ ही ठेकेदार की तलाश कर रही है।
घटनास्थल पर पहुंचे डीएम चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि तहसील स्याना के मवई ग्राम में एक घर की छत गिरने की सूचना मिलने पर तत्काल प्रशासन द्वारा समस्त राहत बचाव कार्य पूर्ण किया गया। इस दुभाग्यपूर्ण घटना में चार लोगों की मौत हुई है जिनको चार-चार लाख की तात्कालिक सहायता व अन्य सभी अनुमन्य सहायता राशि प्रदान की जा रही है।