आरयू ब्यूरो,लखनऊ/झांसी। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। राजनीतिक पार्टियों की रैलियों व कार्यक्रमों का सिलसिला भी तेज होता जा रहा है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस के महिला सशक्तिकरण का मुद्दा अब सड़कों पर दिखने लगा है। रविवार को झांसी में हुई मैराथन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के ‘लड़की हूं लड़ सकतीं हूं’ नारे के साथ करीब दस हजार लड़कियां एक साथ सड़कों पर दौड़ी। लखनऊ में भले ही कोरोना के नियमों का हवाला देकर योगी सरकार ने कांग्रेस की इस मैराथन को नहीं होने दिया, लेकिन झांसी की मैराथन ने जहां कांग्रेस में नई जान फूंक दी है वहीं विरोधियों के माथे पर बल पड़ना भी स्वाभाविक है। दूसरी ओर जिस तरह दस हजार से अधिक लड़कियों ने भागीदारी की उसके बाद पार्टी ने दावा किया है कि अब यह साफ है कि लड़की हूं लड़ सकती हूं नारे के साथ प्रदेश की हर एक लड़की जुड़ाव महसूस कर रही है।
विजेताओं को मिली स्कूटी-स्मार्टफोन
मैराथन में पहले तीन स्थान पाने वाली महिलाओं को एक-एक स्कूटी पुरस्कार स्वरूप दी गई। वहीं चौथे से लेकर 25वां स्थान प्राप्त करने वाली प्रतिभागियों को स्मार्ट फोन दिए गग। इसके बाद अगले 100 स्थान प्राप्त करने वाली प्रतिभागियों को फिटनेस बैंड देकर पुरस्कृत किया गया। वहीं अन्य प्रतिभागियों को मेडल और सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गया।
लखनऊ में बैठी अहंकारी भाजपाई हुकूमत की नींद उड़ाएगा
मैराथन को लेकर कांग्रेस ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोलता हुए कहा, झांसी में बेटियों के रूप में उमड़ा ये जनसैलाब सीधे लखनऊ में बैठी अहंकारी भाजपाई हुकूमत की नींद उड़ाएगा। लड़की हूं, लड़ सकती हूं मैराथन के जरिए यूपी की बेटियां अपनी ताकत दिखा रही है। भाजपाई हुकूमत धाराओं की आड़ में इनकी आवाज बंद नहीं कर सकती।
दुसरी ओर आज के मैराथन का नजारा देख ये कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी व महासचिव प्रियंका गांधी की दो साल की मेहनत रंग लाती दिख रही है। यूपी में अभी तक जिस पार्टी को सबसे कमजोर माना जा रहा था वह सबसे अधिक चर्चा में है। धर्म व जाति के बजाय वर्ग के मुद्दे पर प्रदेश की आधी आबादी को टारगेट कर चलाये जा रहे अभियानों को आम जनता का समर्थन मिलता नजर आ रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को सशक्तीकरण का संदेश देने के लिए लड़की हूं लड़ सकती हूं नारे के साथ पार्टी ने आज झांसी में मैराथन का आयोजन किया। जिसमें झांसी में दस हजार से अधिक लड़कियों ने मैराथन में हिस्सा लिया।
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इससे पूर्व आज लखनऊ में प्रशासन द्वारा मैराथन की अनुमति न दिये जाने के बावजूद भारी संख्या में 1090 चैराहे पहुंची लड़कियों ने योगी सरकार के खिलाफ न सिर्फ जमकर नारेबाजी की, बल्कि कल ही हुए सीएम के एक कार्यक्रम पर सवाल किया कि इकाना स्टेडियम में डेढ़ लाख बच्चों की भीड़ जुटाकर लैपटाप, टैबलेट बांटने का कार्यक्रम किया गया तब कोविड नहीं था।
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वहीं पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लड़कियों की उड़ान और आवाज के इतने ज्यादा विरोधी हैं कि उन्होंने लखनऊ में मैराथन की परमीशन कैंसल कर दी। लेकिन लड़कियां सहेंगी नहीं। लड़कियां लड़ेंगी।
झांसी में उमड़े इसी सैलाब को देखकर योगी डर गए। लेकिन वे ये नहीं जानते कि जिसका वक्त आ गया है, उसे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती।
प्रदेश भर में #LadkiHoonLadSaktiHoon नारा गूंज रहा है। महिला शक्ति सत्ता पर अपनी दावेदारी ठोंकने को तैयार है। #लड़की_से_डरता_है_योगी pic.twitter.com/H5GNC3xZ2J
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 26, 2021