आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाथरस में हैवानियत की बलि चढ़ी दलित युवती के परिजनों से मुलाकात करने कि दो दिन से जहां विपक्षी दलों में होड़ मची थी। वहीं अब सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसको लेकर एक नया दावा कर दिया है।
मायावती ने आज कहा है कि सबसे पहले बसपा का प्रतिनिधिमंडल हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने गया था। इतना ही नहीं मायावती ने तारीख का भी जिक्र करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी प्रतिनिधिमंडल 28 सितंबर को हाथरस पहुंचा था, जहां पुलिस वालों ने पीड़ित परिवार को थाने में बुलाकर प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कराई थी।
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यहां बताते चलें मायावती के इस दावे को इस बात से जोड़कर देखा जा रहा है कि कांग्रेस, सपा, रालोद, आप व भीम आर्मी के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के लोग लगातार हाथरस कांड के खिलाफ सड़क पर उतरें हैं, बल्कि पुलिस प्रशासन के लाठी व मुकदमों के अलावा तमाम अन्य रुकावट डालने के बाद भी परिवार से मिलकर न सिर्फ दर्द बांट रहें, बल्कि योगी सरकार के खिलाफ भी खुला मोर्चा खोलें हैं, ऐसे हालातों में कहा जा रहा था कि जब विपक्ष के सारे दल सड़कों पर हैं, तो खुद को दलितों की सबसे बड़ी नेता बताने वाली मायावती सिर्फ ट्विट से ही क्यों काम चला रही हैं।
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रविवार को भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद के हाथरस पहुंचने पर बसपा के ही लोग दबी जबान में मायावती को भी हाथरस जाने बात कह रहें थे, ऐसे में मायावती ने आज ट्विट कर यह साफ करने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल पहले ही हाथरस पीडि़त परिवार से मिल चुका है। बसपा के हाथरस कांड को लेकर अपनाए गए इस रुख को लेकर चर्चा इस लिए भी उठ रही है कि थाने में हुई इस मुलाकात की जानकारी बसपा की ओर से मीडिया को भी नहीं दी गयी है और न ही पूर्व में किए गए अपने ट्विट में मायावती ने इसका जिक्र किया था।
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बसपा सुप्रीमो ने आज इस बारे में ट्विट करते हुए कहा है कि हाथरस गैंगरेप कांड के बाद सबसे पहले पीड़ित परिवार से मिलने व सही तथ्यों की जानकारी के लिए वहां 28 सितम्बर को बीएसपी प्रतिनिधिमंडल गया था, जिनकी थाने में ही बुलाकर उनसे वार्ता कराई गई थी। साथ ही मायावती ने आगे कहा है कि वार्ता के बाद मिली रिपोर्ट अति दुखद थी, जिसने मुझे मीडिया में जाने के लिए मजबूर किया।
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‘अहंकारी व तानाशाही रवैये को बदलने की सलाह’
वहीं अपने अगले ट्विट में यूपी की पूर्व सीएम ने पत्रकारों के साथ पुलिस द्वारा हाथरस में की गयी अभद्रता और कल व परसों विपक्ष के नेताओं पर हुई लाठीचार्ज को लेकर बिना नाम लिए योगी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने इस बारे में कहा है कि हाथरस में मीडिया के जाने पर भी उनके साथ हुई बदसलूकी तथा कल व परसों विपक्षी नेताओं व लोगों के साथ पुलिस का हुआ लाठीचार्ज आदि अति निंदनीय व शर्मनाक है। सरकार को अपने इस अहंकारी व तानाशाही रवैये को बदलने की सलाह, वरना इससे लोकतंत्र की जड़े कमजोर होंगी।
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भीम आर्मी प्रमुख व समर्थकों पर मुकदमा दर्ज
वहीं दूसरी ओर बीती रात हाथरस पुलिस ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद व उनके समर्थकों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि हाथरस में सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के बाद भी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के साथ करीब पांच सौ अज्ञात लोग जुटे थे। चंद्रशेखर के अलावा पांच सौ अज्ञात समर्थकों के खिलाफ भी आइपीसी की धाराओं के अलावा महामारी रोग अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।