आरयू वेब टीम।
आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई। एक ओर जहां सरकार को इस फैसले पर विरोधी आम आदमी पार्टी का उसे साथ मिल गया है। वहीं यशवंत सिन्हा और ओमप्रकाश राजभर ने इसे सिर्फ एक जुमला करार दिया है।
इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल ने सोशली मीडिया के माध्य से ट्वीट कर कहा है कि चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे तो हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साफ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है।
10% आरक्षण बढ़ाने के लिये संविधान संशोधन करना होगा सरकार विशेष सत्र बुलाये हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फ़ैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा। https://t.co/txcOoWINmj
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) January 7, 2019
जबकि राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर इस फैसले पर सरकार का साथ देने का एलान किया है। हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दस प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने के लिये संविधान संशोधन करना होगा सरकार विशेष सत्र बुलाये हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा।
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संजय सिंह ने एक और ट्वीट में सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए लिखा है, ‘आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है,ऐसे कई फैसले राज्यों ने समय-समय पर लिए, लेकिन 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है?’
वहीं यशवंत सिन्हा ने कहा है कि आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव एक जुमले से ज्यादा कुछ नहीं है। ये कई तरह की कानूनी जटिलताओं से लैस है और इसे संसद के दोनों सदनों से पास कराने का समय नहीं है। इस कदम से सरकार पूरी तरह एक्सपोज हो गई है।
The proposal to give 10% reservation to economically weaker upper castes is nothing more than a jumla. It is bristling with legal complications and there is no time for getting it passed thru both Houses of Parliament. Govt stands completely exposed.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 7, 2019
इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट के आर्थिक रुप से गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने पर यूपी के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि 10 फीसदी कोटा देना एक चुनावी जुमला है।
जबकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का कोई संविधान में प्रावधान नहीं है। लोकसभा में तय करेंगे कि गरीब सवर्णों पर आए संविधान संशोधन पर क्या करना है। तेजस्वी ने कहा कि जब 15 प्रतिशत आबादी वालों को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात हो रही है तो 85 प्रतिशत आबादी वालों को 90 प्रतिशत आरक्षण दें।
वहीं कांग्रेस के हरीश रावत ने सरकार के आर्थिक रुप से गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा कि ‘बहुत देर कर दी मेहरबान आते-आते। साथ ही उन्होंने कहा कि जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो क्या करते हैं, क्या देते हैं, क्या जुमला गढ़ते हैं। इस सरकार को कोई नहीं बचा सकता है।
Harish Rawat,Congress on 10% reservation approved by Cabinet for economically weaker upper castes: 'Bohot der kar di meherbaan aate aate', that also when elections are around the corner. No matter what they do, what 'jumlas' they give, nothing is going to save this Govt pic.twitter.com/PXBwWvNKTY
— ANI (@ANI) January 7, 2019
इतना ही नही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि यदि आप 2014 में कांग्रेस के घोषणा पत्र को देखें तो उसमें यह स्पष्ट लिखा है कि हम उन सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ देने के पक्ष में हैं जो इसके हकदार है और उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है। अब जब सरकार ने यह फैसला लिया है तो देखना होगा कि इसका कैसा क्रियान्वयन होता है।