आरयू वेब टीम। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत के मुस्लिमों को लेकर दिए बयान को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। बुधवार को राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने आरएसएस चीफ की उस टिप्पणी पर तंज कसा और कहा कि वह इसे सहमत हैं, लेकिन ‘इंसान को इंसान रहना चाहिए।’ इस बीच, शिवसेना उद्धव गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
सिब्बल के ट्वीट के मुताबिक, “भागवत: हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहना चाहिए। सहमत हूं, लेकिन इंसान को इंसान रहना चाहिए।” वहीं, शिवसेना उद्धव गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा- अच्छी बात है। मैं भागवत के बयान का स्वागत करता हूं। हम भी कहते हैं कि देश में 20 करोड़ से अधिक आबादी मुसलमानों की है।
साथ ही कहा कि देश में और भी लोग रहते हैं। अगर चुनाव जीतने और राजनीति करने के लिए आप हिंदू-मुसलमान करते रहेंगे…यही फसाद और झगड़े करते रहेंगे, तब देश फिर एक बार टूट जाएगा। विभाजन की स्थिति पैदा होगी। लोगों के मन में ज्यादा दिन डर पैदा कर के आप राज नहीं कर सकते हैं। अगर उन्होंने यह बात सामने रखी है, तब बीजेपी के नेताओं को भी उस पर गौर करना चाहिए।
दरअसल, भागवत ने कहा था कि भारत में मुसलमानों के लिए डरने की कोई वजह नहीं है, लेकिन उन्हें ‘खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी’ से परहेज करना होगा। ‘मीडिया को दिए इंटरव्यू में भागवत ने कहा था कि “सीधी सी बात है हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है… इस्लाम को कोई खतरा नहीं है, लेकिन मुसलमानों को खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी छोड़ देनी चाहिए।”
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उन्होंने कहा, “हम एक महान नस्ल के हैं, हमने एक दौर में इस देश पर राज किया था, और हम फिर से उस पर राज करेंगे। सिर्फ हमारा रास्ता सही है, बाकी सब गलत हैं। हम अलग हैं, इसलिए हम ऐसे ही रहेंगे। हम साथ मिलकर नहीं रह सकते।
आगे कहा कि मुसलमानों को इस अवधारणा को छोड़ देना चाहिए। यहां रहने वाले सभी लोगों को, चाहे वे हिंदू हों या वामपंथी, इस भाव को त्याग देना चाहिए।” आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा था कि दुनियाभर में हिंदुओं में पनपी ताजा आक्रामकता समाज में जागरूकता का नतीजा है, जो पिछले एक हजार से अधिक वर्षों से युद्ध से जूझ रहा है।