उप राष्ट्रपति को लेटर लिख संजय राउत ने भाजपा पर लगाया आरोप, कहा “ठाकरे सरकार नहीं गिराई तो जांच एजेंसियां कर रही परेशान”

संजय राउत
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। शिवसेना सांसद संजय राउत के एक पत्र लिखे जाने के बाद राजनीति तेज हो गई है। दरअसल, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को लिखे अपने पत्र में राउत ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार को गिराने में मदद करने से इनकार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रहा है। राउत ने कहा कि ईडी और अन्य जांच एजेंसियां के अधिकारी “अब अपने राजनीतिक आकाओं की कठपुतली बन गए हैं”।

संजय राउत ने कहा कि अधिकारियों ने यहां तक स्वीकार किया है कि उन्हें “उनके ‘बॉस’ ने मुझे ‘ठीक’ करने के लिए कहा है।” साथ ही राउत ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, “जब से शिवसेना ने महाराष्ट्र में भाजपा से नाता तोड़ा है, हम देख रहे हैं कि शिवसेना के सांसदों और नेताओं को कानून लागू करने वाली एजेंसियां जैसे प्रवर्तन निदेशालय का उपयोग करके टारगेट किया जा रहा है। ईडी के कर्मचारी हमारे विधायकों, सांसदों और नेताओं के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों को डराने-धमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।”

शिवसेना नेता ने सनसनीखेज दावे करते हुए कहा कि उनसे कहा गया था कि अगर वह मध्यावधि चुनाव के लिए सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा। उप राष्टपति को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘कुछ लोग मेरे पास आए थे और उद्धव सरकार को अस्थिर करने के लिए कह रहे थे। वे राज्य में मध्यावधि चुनाव कराने के लिए मुझे जरिया बनाना चाहते थे। मुझे पता था कि इस बात से इनकार करने पर मुझे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी फिर भी मैंने मना कर दिया। मुझसे ये भी कहा गया था कि तुम्हारा हाल वही होगा जो पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री का हुआ और वो कई साल जेल में पड़े रहे।’  बता दें कि इस बात के पीछे उनका इशारा लालू प्रसाद यादव की ओर था।

शिवसेना सांसद राउत ने कहा है कि अलीबाग में उनके परिवार के पास करीब एक एकड़ जमीन है, जिसे लगभग 17 साल पहले खरीदा गया था, लेकिन जिन लोगों ने इस जमीन को बेची थी, उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को ईडी और अन्य एजेंसियों द्वारा मेरे खिलाफ बयान देने के लिए धमकी दी जा रही है। उनसे इस बात को कहने के लिये दबाव यह कहने के लिए बनाया जा रहा है कि उन्हें एग्रीमेंट वैल्यू के ऊपर या उससे कुछ अधिक कैश मुझसे मिला है।

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संजय राउत ने अपने पत्र में साल 2012-13 का जिक्र किया है। राउत ने कहा, “2012-13 में कुछ लोगों ने मुझे और मेरे परिवार के हाथ एक छोटी सी जमीन बेची थी, उन लोगों के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। जब तक कि वो मेरे खिलाफ बयान नहीं देते, ईडी और अन्य एजेंसियों के अधिकारी इन लोगों को बुलाते हैं और उन्हें जेल भेजने और उनकी संपत्ति अटैच करने की धमकी देते हैं। अचानक ईडी और अन्य एजेंसियों के लिए यह एक ‘चिंता का मुद्दा’ बन गया है। लगभग 20 साल पहले खरीदी गई संपत्तियों के संबंध में “जांच” करने का काम ईडी और अन्य एजेंसियों के पास नहीं है।

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