आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली किशोरी एक ओर जहां मंगलवार की सुबह केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में मौत से जूझ रही थी। वहीं दूसरी ओर सरकार के तमाम दावों के बाद भी गैंगरेप पीड़िता के परिजनों ने बच्चों के साथ ट्रामा सेंटर में ही धरना देकर जेल में बंद पीड़िता के चाचा की रिहाई की मांग की है। धरने पर बैठे परिजनों का कहना था कि बिना चाचा के जेल से छूटे वो लोग उनकी पत्नी के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर नहीं जाएंगे।
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घर की एक महिला सदस्य ने मीडिया को बताया कि वो लोग पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं, लेकिन उनका पेट पालने वाला कोई नहीं है। धरने पर बैठे बच्चों की ओर इशारा कर महिलाओं ने रोते-कलपते हुए कहा कि वो अब इनकों लेकर कहां जाएंगी, कैसे पेट पालेंगी। इसलिए रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा पर लगे मुकदमें को वापस लिया जाना चाहिए और उनको यहां लाना चाहिए। जिसके बाद चाचा खुद पोस्टमॉर्टम हाउस में रखी अपनी पत्नी की लाश को लेकर अंतिम संस्कार के लिए जाएंगे। वहीं एक सवाल के जवाब में परिजनों का कहना था कि जब तक चाचा जेल से छूटकर नहीं आ जाते तब तक परिवार अपना धरना जारी रखेगा।
जल्द से जल्द की जाए भाजपा विधायक पर कार्रवाई
साथ ही धरना दे रहीं परिवार की महिलाओं की मांग थी कि गैंगरेप से लेकर दो दिन पहले सड़क दुर्घटना कराने तक के लिए जिम्मेदार भाजपा विधायक पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए, जिससे कि उन लोगों को न्याय मिल सके। वहीं धरने की जानकारी होने पर पुलिस-प्रशासन व केजीएमयू प्रशासन धरनारत परिवार को मनाने में लगा था।
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बताते चलें कि करीब दो साल पहले सीएम आवास पर उन्नाव के एक परिवार ने आत्मदाह का प्रयास कर बांगरमऊ के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उसके साथियों पर कई संगीन आरोप लगाए थे, इसी दौरान किशोरी के पिता की हत्या कर दी गयी थी। जिसके बाद ये मामला देशभर में सुर्खियों में आया था।
सड़क से लेकर सदन तक हुए राजनीतिक हंगामें के बाद मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गयी थी, लेकिन आज तक सीबीआइ ने इस मामले में अपनी पूरी रिपोर्ट नहीं सार्वजनिक की है। इस बीच मामले के एक गवाह की हत्या हो चुकी है, जबकि किशोरी के चाचा रायबरेली जेल में विधायक के भाई पर हमला करने के मामले में बंद हैं।
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चाचा से ही मिलने बीते रविवार को गैंगरेप पीड़िता अपनी चाची, मौसी व वकील के साथ कार से रायबरेली जा रही थी, तभी रायबरेली के गुरुबक्शगंज थाना क्षेत्र में सामने से गलत दिशा में आए तेज रफ्तार ट्रक ने कार को टक्कर मार दी थी।
इस संदिग्ध सड़क दुर्घटना में रविवार को ही मौसी की रायबरेली, जबकि चाची की केजीएमयू में मौत होने के बाद दो दिनों से उनका शव केजीएमयू में ही अंतिम संस्कार के इंतजार में रखा है।
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वहीं गैंगरेप पीड़िता व उसके वकील की आइसीयू में मंगलवार को भी हालत बेहद नाजुक बनी है। इस पूरे मामले के लिए पीड़िता के परिवार के अलावा तमाम राजनीतिक दलों ने विधायक कुलदीप सिंह को ही जिम्मेदार ठहराया है।
सोमवार को विधायक समेत 30 लोगों के खिलाफ रायबरेली पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज कर लिया है और अब इस संदिग्ध सड़क दुर्घटना से जुड़े पहलुओं की जांच के लिए भी सीबीआइ जांच कराने की तैयारी की जा रही है।