लखनऊ में पकड़ी गई नकली सैनेटाइजर बनाने वाली फैक्ट्री, सगे भाई गिरफ्तार

नकली सेनिटाइजर
छापेमारी में नकली सेनिटाइजर जब्त करते अधिकारी।

आरयू संवाददाता, लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही जिलाधिकारी ने कई निर्देश जारी किए हैं। साथ ही बचाव व सावधानियों को लेकर प्रशासन प्रयास कर रहा। इसी कड़ी में एक तरफ जहां सरकार जगह-जगह मास्‍क व सैनेटाइजर सस्ते में उपलब्‍ध कराने का दावा कर रही है। वहीं, राजधानी में कुछ मुनाफाखोर सैनेटाइजर की कालाबाजारी करते पकड़े गए हैं। मंगलवार को शहर में प्रशासन की छापेमारी में नकली सैनिटाइजर बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई है।

छापेमारी में टीम ने 100 एमएल पैकिंग की दस हजार बोतलें बरामद की हैं। साथ ही बरामद स्टॉक को सीज कर दिया गया है और फर्म के प्रोपराइटर के खिलाफ कार्रवाई की है। नकली फैक्‍ट्री का यह मामला निशातगंज में सामने आया है, जहां लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के दिशा निर्देश पर चीफ ड्रग इंस्पेक्टर सीतापुर समेत चार सदस्य टीम ने महालक्ष्मी केमिकल्स की फैक्ट्री में छापेमारी की।

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छापेमारी में नकली सैनेटाइजर की दस हजार बोतलें बरामद हुई हैं। जिन्‍हें सीज कर दिया गया है। फर्म के प्रोपराइटर नीरज कुमार खरे व उसके भाई के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। उक्त कार्रवाई सहायक आयुक्त औषधि प्रशासन अरविंद गुप्ता, चीफ ड्रग इंस्पेक्टर सीतापुर समेत चार सदस्य टीम द्वारा की गई है।

वहीं महानगर पुलिस ने इस मामले में निशातंगज के ही निवासी नीरज कुमार खरे व उसके सगे भाई संजय कुमार खरे को गिरफ्तार कर लिया है। सैनेटाइजर की खाली बोतलों के अलावा पांच सौ एमएल की 510, दो सौ एमएल की 260, जबकि सौ एमएल की 190 नकली सैनेटाइजर की भरी बोतलें भी पुलिस ने बरामद किया है। महानगर पुलिस के अनुसार बरामद सैनेटाइजर की कीमत करीब दो लाख रुपये हैं।

बताते चलें कि मुनाफाखोरों की ये हालात तब है जब कि कल ही मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए यूपी सरकार की ओर से पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। मेरी जानकारी में आया है कि कुछ लोग मास्क के साथ ही सैनेटाइजर तथा अन्य उपयोगी दवा की कालाबाजारी कर रहे हैं। ऐसे में जिस भी जिले से कालाबाजारी का एक भी मामला संज्ञान में आया तो दोषी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं मास्क व ग्लब्स की कालाबाजारी रोकने के लिए टीमें गठित की गई हैं।

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