नाराज चल रहे शिक्षामित्र, अनुदेशक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की चुनाव में नहीं लगेगी ड्यूटी, योगी सरकार के प्रस्‍ताव पर आयोग की मुहर

शिक्षामित्र अनुदेशक चुनाव ड्यूटी
प्रदर्शन करते शिक्षामित्र। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। इस बार उत्‍तर प्रदेश चुनाव में शिक्षामित्र, अनुदेशक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं समेत अन्‍य ड्यूटी लगभग नहीं लगाई जाएगी। मानदेय व अपनी अन्‍य मांगों को लेकर योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान अनगिनत प्रदर्शन करने वाले शिक्षामित्र, अनुदेशक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी से दूर रखने के योगी सरकार के प्रस्‍ताव पर चुनाव आयोग ने मंगलवार को मंजूरी की मुहर लगा दी है। चुनाव आयोग के इस फैसले से शिक्षक संघ नाराज हैं।

चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दूसरी या तीसरी श्रेणी में रखा जाए। जरूरत पड़ने पर ही उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से राहत के नाम पर दी गई इस छूट का शिक्षक संगठनों में विरोध के तौर पर लिया जा रहा है। शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने मीडिया से कहा है कि चुनाव में प्रदेश की योगी सरकार को इस बात का डर है कि कहीं शिक्षामित्र, अनुदेशक और आंगनवाड़ी कार्यकत्री एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट न दे दें, इसीलिए उन्हें राहत देने के नाम पर योगी सरकार ने निर्णय लिया था।

आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला को निर्देश दिए हैं कि मंडलीय पूल से प्राप्त कर्मियों का पूरा उपयोग होने के बाद ही शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सहायकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर लगाया जाए।

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साथ ही जहां तक संभव हो इन्हें आरक्षित पूल में रखा जाए। खासतौर पर शिक्षामित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय और अन्य कर्मियों को मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में ही नियुक्त करने के निर्देश दिए है। वहीं चुनाव आयोग के इस आदेश के बाद मतदान दल गठन की लगभग  तैयारी पूरी कर चुके जिला निर्वाचन अधिकारियों की परेशानी एक बार फिर से  बढ़ गई है।

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उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले उत्‍तर प्रदेश कोरोना की गाइडलाइन पालन कराने के चक्‍कर में मतदान केंद्रों की संख्या पहले ही करीब 11 हजार बढ़ गई है और 1.74 लाख मतदान केंद्रों पर चुनाव ड्यूटी लगाने के लिए पहले ही कर्मचारियों की कमी थी। ऐसे में अब 1.90 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, 1.37 लाख शिक्षा मित्रों, 27 हजार से अधिक अनुदेशकों और 35,248 रोजगार सहायकों को चुनाव ड्यूटी से बाहर रखने के निर्देश से मतदान दल गठन में काफी परेशानी होना तय है। इस बीच उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग शिक्षा मित्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।

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गौरतलब है कि मानदेय बढ़ाने व अपनी अन्‍य मांगों को लेकर सालों से योगी सरकार से नाराज चल रहे शिक्षमित्र, अनुदेशक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में प्रदर्शन करते रहें, इस दौरान बड़ी संख्‍या में खासकर शिक्षामित्रों की अवसाद के चलते जान भी गयीं थी। वहीं चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार ने मानदेय कुछ बढ़ोतरी का ऐलान किया था, लेकिन इस नाकाफी बताते हुए आज भी शिक्षामित्र, अनुदेशक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता योगी सरकार से नाराज हैं। ऐसे में सपा व कांग्रेस द्वारा इनके पक्ष में घोषणाएं करने से योगी सरकार पर यह भी खतरा बढ़ जाता है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान यह एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं, इससे जहां भाजपा को नुकसान हो सकता है, वहीं सपा, कांग्रेस व बसपा को लाभ पहुंच सकता है।