आरयू वेब टीम। 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। जिसके बाद शुक्रवार को सिद्धू ने पटियाला कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट में सरेंडर करने के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद सिद्धू को इलाज के लिए पंजाब पुलिस की बस में सिविल अस्पताल ले जाया गया इसके बाद उन्हें पटियाला जेल ले जाया जाएगा।
नवजोत सिंह सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्य दंडाधिकारी की अदालत में सरेंडर कर दिया है। सिद्धू नहीं चाहते कि जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट हो। उनके स्वास्थ्य और एथलीट होने के कारण ही स्वास्थ्य और आहार का ध्यान रखना चाहिए। उनकी ‘जितेगा पंजाब टीम’ साल भर सिद्धू का इंतजार करेगी। सिद्धू पहले अपनी कार में कोर्ट पहुंचे। उनके साथ उनकी लैंड क्रूजर कार में हरदयाल काम्बोज अश्विनी सेखड़ी भी थे। सिद्धू अपने साथ एक बैग भी ले गए हैं।
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बता दें की 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरांवाला गेट क्रॉसिंग के पास एक सड़क के बीच में खड़ी एक जिप्सी में थे। उस समय गुरनाम सिंह और दो अन्य लोग पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे। जब वे चौराहे पर पहुंचे तो मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने जिप्सी को सड़क के बीच में पाया और सिद्धू और संधू को इसे हटाने के लिए कहा। इससे दोनों पक्षों में बहस हो गई और बात हाथापाई तक पहुंच गई। गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
सितंबर 1999 में निचली अदालत ने सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने फैसले को उलट दिया और दिसंबर 2006 में सिद्धू और संधू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया। उन्हें तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।