आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम में गुरुवार को हिस्सा लिया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘राइजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस, ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ और अन्य सुविधाओं का शुभारंभ किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कहने के लिए आप लोग सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हैं, लेकिन 21वीं सदी का भारत जिस ऊंचाई को प्राप्त करेगा उसमें आप लोगों की भूमिका अहम है। भारत का निर्यात बढ़े हैं, भारत के प्रोडक्ट नए बाजार में पहुंचे हैं, इसके लिए देश के एमएसएमई सेक्टर का सशक्त होना जरूरी है। भारत का एक्सपोर्ट लगातार बढ़े, भारत के प्रॉडक्ट्स नए बाजारों में पहुंचें इसके लिए देश के एमएसएमई सेक्टर का सशक्त होना बहुत जरूरी है।
साथ ही हमारी सरकार, आपके इसी सामर्थ्य, इस सेक्टर की असीम संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है, नई नीतियां बना रही है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब हम एमएसएमई कहते हैं तो तकनीकि भाषा में इसका विस्तार होता है माइक्रो स्मॉल और मीडिएम इंटर प्राइजेज, लेकिन ये सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, भारत की विकास यात्रा का बहुत बड़ा आधार हैं।
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भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग एक तिहाई हिस्सेदारी एमएसएमई सेक्टर की है। इस सेक्टर को मजबूती देने के लिए पिछले आठ साल में हमारी सरकार ने बजट में 650 प्रतिशत से ज्यादा की बढोतरी की है। यानि हमारे लिए एमएसएमई का मतलब है, मैक्सिमम सपोर्ट टू माइक्रो स्मॉल एंड मीडिएम इंटरप्राइजेज
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब सौ साल का सबसे बडा संकट आया तो, हमने अपने छोटे उद्यमों को बचाने के साथ ही उन्हें नई ताकत देने का भी फैसला किया। केंद्र सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए की मदद एमएसएमई के लिए सुनिश्चित की।