डोम राजा का निधन, प्रधानमंत्री ने बनाया था प्रस्‍तावक, PM मोदी व CM ने जताया अफसोस

डोम राजा

आरयू ब्‍यूरो, वाराणसी/लखनऊ। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्‍तावक बनने वाले वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी का मंगलवार को निधन हो गया है। 55 साल के डोम राज कई दिनों से बीमार चल रहे थे, जिनका उपचार प्राइवेट अस्‍पताल में चल रहा था।

डोम राजा के निधन की सूचना लगते ही जहां काशी के लोगों में शोक की लहर दौड़ गयी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने भी निधन पर अफसोस जाहिर करते हुए उन्‍हें श्रद्धांजलि अपर्ति की है।

काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे

प्रधानमंत्री मोदी ने आज ट्विट करते हुए कहा कि, वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्‍वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।

सम्पूर्ण भारतीय समाज की एक बड़ी क्षति

वहीं योगी आदित्‍यनाथ ने शोक व्‍यक्‍त करते हुए कहा है कि, सामाजिक समरसता की भावना के प्रतीक पुरुष, काशीवासी डोमराजा जगदीश चौधरी जी का निधन अत्यंत दुखद है। जगदीश चौधरी जी का कैलाशगमन सम्पूर्ण भारतीय समाज की एक बड़ी क्षति है। बाबा विश्‍वनाथ से प्रार्थना है कि आपको अपने परमधाम में स्थान प्रदान करें।

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साथ ही सीएम ने कहा कि बाबा विश्‍वनाथ के आराधक डोमराजा जगदीश चौधरी जी के निवास पर पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की अगुवाई में धर्माचार्यों द्वारा सहभोज किया जाना, भेदभाव रहित भारतीय समाज की भावना का अप्रतिम उदाहरण था। दोनों हुतात्माओं की पुण्य स्मृति को प्रणाम।

दूसरी ओर निधन का समाचार मिलने पर वाराणसी शहर दक्षिणी से विधायक और राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी डोम राजा के घर पहुंचे और परिवारवालों से मुलाकात कर सांत्वना दिया।

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बतातें चलें कि पीएम मोदी का प्रस्तावक बनने के बाद जगदीश चौधरी ने कहा था कि अब हमारे समाज को अलग पहचान मिली है। पहली बार किसी राजनीतिक दल ने हमें यह पहचान दी है। हम बरसों से लानत झेलते आए हैं। हालात पहले से सुधरे जरूर हैं, लेकिन समाज में हमें पहचान नहीं मिली है और प्रधानमंत्री चाहेंगे तो हमारी दशा जरूर बेहतर होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि नेता वोट मांगने आते हैं लेकिन बाद में कोई सुध नहीं लेता।