प्रसिद्ध नारीवादी लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता कमला भसीन का निधन, कैंसर से थीं पीड़ित

कमला भसीन

आरयू वेब टीम। महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने वाली जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और कवियत्री कमला भसीन ने शनिवार को दुनिया को अलविदा कह दिया है। वे कुछ महीने पहले कैंसर की शिकार हुयी थीं। उनके निधन की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने दी।

उन्होंने ट्विटर कर कहा, ”हमारी प्रिय मित्र कमला भसीन का आज 25 सितंबर को लगभग तीन बजे निधन हो गया। ये भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिला आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है। विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने जीवन का जश्न मनाया। कमला आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। एक बहन जो गहरे दुख में है।”

यह भी पढ़ें- कैंसर, डायिबिटीज समेंत कई बीमारियों में गजब के फायदे पहुंचाती है ब्रोकली, आप भी करें इस्‍तेमाल

वहीं अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने भी कमला भसीन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ”तेज-तर्रार कमला भसीन ने अपनी आखिरी लड़ाई, गायन और जीवन को अच्छी तरह से जीने का जश्‍न मनाया है। उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनकी साहसी मौजूदगी हंसी और गीत, उनकी अद्भुत ताकत उनकी विरासत है। हम सब इसे संजो कर रखेंगे जैसा हमने पहले अरुणा रॉय के लिए किया।”

यह भी पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर सवाल उठा कांग्रेस ने की CBI जांच की मांग, कहा, योगीराज में हो चुकी 21 संतों की हत्या या संदिग्ध मौत

बता दें कि कमला भसीन 1970 के दशक से भारत के साथ-साथ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन की एक एक प्रमुख आवाज रही हैं। 2002 में, उन्होंने नारीवादी नेटवर्क ‘संगत’ की स्थापना की, जो ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की वंचित महिलाओं के साथ काम करती है। वे अक्सर नाटकों, गीतों और कला जैसे गैर-साहित्यिक साधनों का उपयोग करके समाज में महिला उत्थान के लिए काम करतीं थीं। भसीन ने नारीवाद और पितृसत्ता को समझने पर कई किताबें लिखी हैं, जिनमें से कई का 30 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया।