प्रियंका का सवाल, क्या योगी सरकार आगरा मॉकड्रिल का सच सामने लाकर देगी दोषियों को सजा?

आगरा मॉकड्रिल

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। आगरा के श्रीपारस हॉस्पिटल में 22 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की बात सामने आने के बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है। वहीं मामला सामने आने के बाद विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो गया है। इसी क्रम मे बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार से सवाल किया कि क्या योगी सरकार आगरा मॉकड्रिल का सच सामने लाकर दोषियों को सजा देगी?’

प्रियंका गांधी ने आज ट्वीट करते हुए कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन की भारी कमी के बीच लगातार कहा कि “ऑक्सीजन की कमी नहीं है।” प्रदेशभर में लोगों की तड़प-तड़प कर जान चली गई। आगरा में भी प्रशासन कह रहा है कि “ऑक्सीजन की कमी नहीं थी”। क्या उत्तर प्रदेश सरकार आगरा मॉकड्रिल का सच सामने लाकर दोषियों को सजा देगी?’

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इससे पहले आठ जून को प्रियंका ने अस्पताल के मालिक डॉ. अरिन्जय जैन वीडियो ट्वीट करते हुए पूछा था कि ‘जिम्मेदार कौन?’। ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘प्रधानमंत्री- ‘मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी’। मुख्यमंत्री: ‘ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी।’, मंत्री: ‘मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें।’ आगरा अस्पताल: ‘ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की।’ जिम्मेदार कौन?

बता दें कि श्री पारस अस्पताल में 26 अप्रैल को सुबह सात बजे पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद कर मॉकड्रिल की गई थी। उस भयावह पल को बयान करते छह मिनट के चार वीडियो वायरल हुए हैं। इनमें अस्पताल के संचालक अरिंजय जैन बता रहे हैं कि इस मॉकड्रिल से 22 मरीजों का दम घुटने लगा था और उनके हाथ-पैर नीले पड़ गए थे।

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल है, उसमें अस्‍पताल के मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन कहते हैं, ‘मैंने संजय चतुर्वेदी को फोन किया। वो बोले- बॉस मरीजों को समझाओ, डिस्चार्ज शुरू करो। मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं दिला सकता। मेरे हाथ पांव फूल गए और मैंने पर्सनली समझाना शुरू किया। कुछ पेंडुलम बने रहे कि नहीं जाएंगे। फिर मैंने कहा- दिमाग मत लगाओ और उन्हें छांटो जिनकी ऑक्सिजन बंद हो सकती है। एक ट्रायल मार दो, हमें समझ आ जाएगा कि कौन मरेगा और कौन नहीं। इसके बाद सुबह 7 बजे मॉकड्रिल शुरू हुई। ऑक्सिजन शून्य कर दी…22 मरीज छंट गए। हाथ पैर नीले पड़ने लगे, छटपटाने लगे तो तुरंत खोल दिए।’

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