जनता का स्‍वास्‍थ्‍य है ज्‍यादा जरूरी, नहीं बिकेंगे सवा आठ लाख वाहन: सुप्रीम कोर्ट

Supreme court

आरयू वेब टीम।

देश की सर्वोच्‍च न्‍यायलय ने जनता की सेहत को ध्‍यान में रखते हुए आज एक बेहद अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने एक अप्रैल से पूरे देश में बीएस-चार के मानकों का पालन नहीं करने वाले वाहनों की बिक्री और उनके पंजीकरण पर आज से रोक लगा दी है।

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न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने एक अप्रैल से भारत स्टेज-चार के मानकों का पालन नहीं करने वाले वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर रोक लगाते हुये टिप्पणी की, ‘‘जनता का स्वास्थ्य आटो मोबाइल निर्माताओं के व्यावसायिक हितों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।’’

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प्रदूषण के उर्त्सजन से संबंधित भारत स्टेज चार मानक एक अप्रैल, 2017 से प्रभावी होंगे। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को ही भारत स्टेज-तीन श्रेणी के मानकों का पालन करने वाले वाहनों की बिक्री और उनके पंजीकरण पर एक अप्रैल के बाद से प्रतिबंध लगाने की याचिका पर सुनवाई पूरी की थी।

सोसायटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स ने न्यायालय में जनवरी, 2016 से हर महीने के आधार पर भारत स्टेज-तीन के वाहनों के निर्माण और बिक्री से संबंधित आंकड़े पेश किये थे।

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संगठन का कहना था कि कंपनियों के पास ऐसे करीब आठ लाख 24 हजार वाहनों का स्टाक है, जिसमें 96 हजार वाणिज्यिक वाहन और छह लाख से अधिक दुपहिया और करीब चालीस हजार तिपहिया वाहन शामिल हैं।

इन कंपनियों ने न्यायालय से यह भी कहा था कि उन्हें पहले भी 2005 में बीएस-दो और 2010 में बीएस-तीन प्रदूषण उत्सर्जन से संबंधित नयी प्रौद्योगिकी लागू किये जाने पर अपना पुराना स्टाक बेचने की अनुमति दी गयी थी।