रिजर्व बैंक के गर्वनर से ऊपर होता है वित्त मंत्री: मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह (फाइल फोटो।)

आरयू वेब टीम। 

आरबीआइ और मोदी सरकार के बीच चल रहा विवाद अब भी जारी है। इस दौरान आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच पैदा हुई तल्खी सार्वजनिक हो चुकी है, जिसे लेकर विपक्षियों के साथ ही बैंक के पूर्व अधिकारी तक ने केंद्र सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है।

वहीं बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक बयान काफी चर्चा में आ गया है। मनमोहन सिंह ने अपनी बेटी दमन सिंह की किताब ‘स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन गुरुशरण’ में कहा है कि वित्त मंत्री का दर्जा हमेशा ही रिजर्व बैंक के गवर्नर से ऊपर होता है, इसलिए वही असली बॉस है।

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बता दें कि मनमोहन सिंह आरबीआइ के गवर्नर भी रह चुके हैं। पूर्व पीएम ने किताब में कहा था कि आरबीआइ गवर्नर सरकार के सामने तभी अड़ सकता है, जब वह नौकरी छोड़ने का मन बना ले। यह किताब 2014 में प्रकाशित हुई थी। सिंह ने आरबीआइ में अपने दिनों को याद करते हुए कहा था कि मुझे कोई भी फैसला लेने से पहले हमेशा सरकार को विश्‍वास में लेना होता था, क्योंकि यह गिव एंड टेक वाला रिश्ता रहता है।

इसमें आगे यह भी कहा गया है कि रिजर्व बैंक का गवर्नर वित्त मंत्री के आदेश को टाल नहीं सकता। किताब में मनमोहन सिंह ने 1983 में इंदिरा गांधी की सरकार का जिक्र भी किया है, जब उन्हें कई कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था।

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किताब में जिक्र है कि एक समय ऐसा भी आया था, जब बैंकों को लाइसेंस देने के संबंध में रिजर्व बैंक की स्वायत्तता प्रभावित होने की आशंका से मनमोहन सिंह ने इस्तीफा देने का मन बना लिया था, लेकिन आखिरकार अनबन खत्म हुई। मनमोहन सिंह की किताब में कही गयी बात मौजूदा मोदी सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

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