आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को एक बार फिर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। सपा मुखिया ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘दूसरों पर सिंडीकेट से संचालित होने का आरोप लगाने वाले लोग वास्तव में स्वयं ‘संघीकेट’ से संचालित हैं।’
सपा सुप्रीमो ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से कई ट्वीट किया। जिसमें कहा कि, ‘‘आज जिस प्रकार संविधान पर हमले हो रहे हैं, नेताओं पर झूठे मुकदमों व जांच एजेंसियों के छापे के बाद अब शारीरिक हमले तक हो रहे हैं, वो भाजपा की हिंसक राजनीतिक सोच का कुपरिणाम है।’’
अपने एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘कासगंज में सपा और महान दल की संयुक्त किसान महापंचायत में उमड़े अपार जनसमर्थन ने दिखा गया है कि उत्तर प्रदेश में सपा के नेतृत्व में परिवर्तन की आंधी चलेगी। किसान-मजदूर, दलित, गरीब, महिला, युवा व कारोबार विरोधी भाजपा अब गयी।” किसान राजनीतिक खेत से भाजपा को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे।
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अपने एक और ट्वीट में सपा मुखिया ने कहा कि, बदायूं में सपा के समय बनना शुरू हुए मेडिकल कॉलेज का काम भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल में पूरा नहीं हो पाया। भाजपा के लिए सिर्फ चुनाव जीतना मुद्दा रहता है, जन स्वास्थ्य या चिकित्सा नहीं।’’
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वहीं प्राथमिकी दर्ज किये जाने की बात शनिवार को सार्वजनिक होते ही सपा अध्यक्ष यादव ने भाजपा सरकार पर आक्रोश जाहिर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने मेरे खिलाफ जो प्राथमिकी लिखवाई है, जनहित में उसकी प्रति प्रदेश के हर नागरिक के सूचनार्थ यहां प्रकाशित कर रहे हैं। अगर आवश्यकता पड़ी तो राजधानी लखनऊ में होर्डिंग भी लगवा देंगे। यह प्राथमिकी हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है।’’
बता दें कि यूपी के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके 20 समर्थकों के खिलाफ पत्रकारों की कथित पिटाई के मामले में शुक्रवार को आधी रात के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद मुरादाबाद के सपा जिलाध्यक्ष ने भी दो पत्रकारों के खिलाफ साजिश रचने समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कराया।