आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को कहा कि गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का बसपा समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि अभी आरक्षण को लेकर जो व्यवस्था लागू है, वो काफी पुरानी है। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की नीयम पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये मोदी सरकार का छलावा है। सरकार ने पहले ये फैसला क्यों नहीं लिया।
बसपा सुप्रीमो ने सवाल करते हुए आगे कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले लिया गया ये फैसला हमें चुनावी स्टंट लगता है। अच्छा होता अगर बीजेपी सरकार अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले नहीं, बल्कि काफी समय पहले ये फैसला लेती।
अपने बयान में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने ये भी कहा कि बसपा गरीब सवर्णां के साथ-साथ मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के गरीबों को भी इसी तरह से आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग काफी लंबे समय से करती चली आ रही है। इसके लिए संसद व संसद के बाहर भी लगातार संघर्ष करने के साथ औपचारिक तौर पर केंद्र सरकारों को पत्र भी लिखा है, लेकिन बीजेपी सरकार ने अन्य गरीबों की उपेक्षा करते हुए इनके साथ न्याय करने का प्रयास नहीं किया है, जो अति-दुःखद व निन्दनीय भी है।
मायावती ने अपने बयान में कहा कि वैसे भी अपनी घोर जनविरोधी नीतियों व घोर चुनावी वादाखिलाफियों के कारण विश्वासघात के आरोपों से संकटग्रस्त केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के संबंध में घोषणा वास्तव में लोगों को एक चुनावी छलावा लग रहा है, लेकिन फिर भी बसपा इस संबंध में लाए जाने वाले संविधान संशोधन विधेयक का जरूर समर्थन करेगी।
इतना ही नहीं बल्कि इन वर्गों को मिलने वाले आरक्षण की व्यवस्था को केंद्र व राज्यों की विभिन्न सरकारों द्वारा निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के लिए अनेक प्रकार के षड़यंत्र लगातार करते रहने की जातिवादी नीति को जारी रखने के बजाय, इन वर्गों के लिये उन क्षेत्रों में भी आरक्षण की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए, जहां अब तक आरक्षण की कोई व्यवस्था लागू ही नहीं की गई है।
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