आरयू वेब टीम। मध्य प्रदेश सरकार में मचे घमासान को लेकर महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस की सहयोगी शिव सेना ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शिव सेना ने आज जहां इसके लिए कमलनाथ सरकार पर सवाल उठाएं हैं। वहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी कटघरे में खड़ा किया है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कमलनाथ सरकार को नसीहत देते हुए लिखा है कि मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को नजरअंदाज करके राजनीति नहीं की जा सकती। यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरती है, तो इसका श्रेय भाजपा को नहीं जाता है।
शिवसेना ने कहा, “ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया ने भाजपा में प्रवेश किया है। इससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई। यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरती है, तो इसका श्रेय भाजपा को नहीं जाता है। कमलनाथ की सरकार का पतन उनकी लापरवाही, अहंकार और नई पीढ़ी को कम आंकने की प्रवृत्ति के कारण है।”
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी व शाह से मुलाकात के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा, जानें आखिर क्या है पूरा मामला
साथ ही सामना में यह भी कहा गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2019 में कर्नाटक सरकार के संकट और दिल्ली हिंसा के संबंध में भाजपा की आलोचना की थी, लेकिन हाल ही में उसी पार्टी में शामिल हुए, जिसका उन्होंने विरोध किया।
केवल छह महीने पहले वही ज्योतिरादित्य ने भाजपा को ‘लोकतंत्र का गला घोंटने वाली पार्टी’ के रूप में संबोधित किया। उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद यह प्रतिक्रिया दी थी।
यह भी पढ़ें- आखिरकार भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, पहले जैसी नहीं रही कांग्रेस, कमलनाथ सरकार पर भी लगाएं ये आरोप
साथ ही 15 दिन पहले दिल्ली में हुई हिंसा के बाद, उन्होंने भाजपा नेताओं पर ‘द्वेष की राजनीति’ लाने का आरोप लगाया। अब वही ज्योतिरादित्य यह कहकर भाजपा के सदस्य बन गए हैं कि ‘अब कांग्रेस पार्टी भी वैसी नहीं रही।”