आरयू संवाददाता,
लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ के सआदतगंज इलाके में कक्षा नौ के छात्र ने अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी। फंदे से छात्र को झूलता देख परिजनों में कोहराम मचा है। मात्र 14 साल के किशोर को मोबाइल गेम खेलने की आदत थी, चर्चा है कि छात्र ने जानलेवा कदम “मोमो चैलेंज” पूरा करने के लिए उठाया है। हालांकि पुलिस इस बात से इंकार कर रही है, पुलिस का कहना है कि छात्र परिजनों के डांटने से नाराज था। पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही मामले की गहनता से जांच कर रही है।
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बताया जा रहा है कि सआदतगंज के पुराना पान दरीबा निवासी शीतला प्रसाद साहू का 14 वर्षीय बेटा उत्कर्ष एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा नौ का छात्र था। उत्कर्ष की चाची रेनू साहू सचिवालय में एक मंत्री की स्टेनो हैं। सोमवार की रात शीतला प्रसाद मकान को ताला बंदकर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ जन्माष्टमी की पूजा में गए थे। जबकि घर में उत्कर्ष अकेला ही था। परिजन पूजा से वापस लौटे तो घर में दुपट्टे के फंदे के सहारे उत्कर्ष लटक रहा था। ये देख परिजनों में रोना-पीटना मच गया। किशोर को बचाने की उम्मीद में परिजन उसे फंदे से उतारकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचें। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उत्कर्ष को मृत घोषित कर दिया।
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पिता ने मीडिया को बताया कि उत्कर्ष घर पर ही मोबाइल और कम्प्यूटर पर गेम खेला करता था। पहले वो बाहर जाकर क्रिकेट खेलता था, लेकिन तीन महीनों से उसने ऐसा करना छोड़ दिया था। साथ ही वह देर रात तक मोबाइल चलाता रहता था, घरवालों के समझाने पर वो नाराज हो जाता था।
चर्चाओं के अनुसार उत्कर्ष ऑनलाइन जानलेवा गेम “मोमो चैलेंज” खेलने लगा था, जिसमें फंसने के चलते उसने खुद से ही अपनी जिंदगी समाप्त कर ली। हालांकि इंस्पेक्टर सआदतगंज ने इस बात से इंकार करते हुए बताया कि उत्कर्ष सोमवार रात घर से बाहर अकेला जाना चाहता था, इस बात के लिए परिजनों ने उसे मना किया था, जिसके बाद ही उसने जान दी है।
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