आरयू वेब टीम। देश की सबसे बड़ी अदालत ने डॉक्टरों की याचिका पर नीट-पीजी-2022 परीक्षा स्थगित करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई में कहा कि देर करने से डॉक्टरों की अवेलिबिलिटी और मरीजों की देखभाल पर गंभीर असर पड़ेगा। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि परीक्षा स्थगित करने से ‘‘अराजकता और अनिश्चितता’’ की स्थिति पैदा होगी और छात्रों के एक बड़े वर्ग पर इसका इसर पड़ेगा, जिन्होंने परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
साथ ही बेंच ने कहा कि, ‘‘छात्रों के दो वर्ग हैं , एक जो स्थगन की मांग कर रहा है और दो लाख छह हजार से अधिक उम्मीदवारों का एक बड़ा वर्ग है, जो परीक्षा के लिए तैयारी कर चुका है और इसके स्थगित होने से प्रभावित होगा।’’ न्यायालय ने कहा कि सरकार निर्धारित समय पर परीक्षा कराने की कोशिश कर रही, क्योंकि महामारी के कारण पहले ही परीक्षा पर असर पड़ा है। पीठ ने कहा, ‘‘महामारी के कारण प्रभावित हुए देश के पटरी पर लौटने के साथ इस अदालत द्वारा निर्धारित किए गए समय का पालन किया जाना चाहिए।’’
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गौरतलब है कि दस मई को सुप्रीम कोर्ट डॉक्टरों की उन याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया था, जिसमें पीजी के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) 2022 स्थगित करने का अनुरोध किया गया था। यह परीक्षा 21 मई को होनी है। एग्जाम को इस आधार पर स्थगित करने का अनुरोध किया गया है कि इसकी तारीख और नीट-पीजी 2021 के लिए चल रही काउंसिलिंग की तारीख एक ही दिन पड़ेगी।