आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी बोर्ड के सिलेबस में कुछ बदलाव होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के तहत अब सिलेबस में 49 महापुरुषों के साथ विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी को भी शामिल कर दिया गया है। बोर्ड परीक्षाओं के स्टूडेंट्स अब सिलेबस में अनिवार्य रूप से सावरकर की भी जीवनी पढ़नी होगी। यूपी बोर्ड के करोड़ों छात्र-छात्राएं सावरकर के अलावा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर, लौह पुरूष सरदार पटेल, छत्रपति शिवाजी, रामकृष्ण परमहंस, बिरसा मुंडा, मंगल पांडे सहित 49 महापुरुषों की जीवनी पढ़ेंगे। बोर्ड का नया सिलेबस शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू किया जाएगा। ये नया सिलेबस यूपी बोर्ड से संबंधित सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लागू होगा।
बोर्ड के इस नए सिलेबस को लेकर सूबे में विपक्ष और सत्ता पक्ष में रार छिड़ गई है। सावरकर द्वारा रिहाई के लिए अंग्रेजों से मांफी मांगने के चलते कांग्रेस व सपा ने सिलेबस में सावरकर की जीवनी को जगह मिलने को स्वतंत्रता संग्राम का अपमान बताया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इसे स्वाभिमान से जोड़ा है।
यूपी बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड की 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के सिलेबस में हुए बदलाव के तहत 9वीं कक्षा के छात्र-छात्रा गौतम बुद्ध, छत्रपति शिवाजी, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, चंद्रशेखर आजाद, बिरसा मुंडा, वीर कुंवर सिंह, बेगम हजरत महल, श्रीनिवास रामानुजन, ज्योतिबा फूले, विनोबा भावे व जगदीश चंद्र बोस समेत विनायक दामोदर सावरकर के जीवन के बारे में अनिवार्य रूप से पढ़ाई करेंगे।
वहीं 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राएं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मंगल पांडेय, स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य तिलक, ठाकुर रोशन सिंह, गोपाल कृष्ण गोखले, सुखदेव और खुदी राम बोस की जीवनी पढ़ेंगे और 11वीं के छात्र-छात्राएं डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजा राम मोहन राय, सरोजिनी नायडू, महावीर जैन, नाना साहब, डॉ. होमी जहांगीर भाभा, राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद-ए-आजम भगत सिंह, अरविंद घोष, महामना मदन मोहन मालवीय, पं. दीन दयाल उपाध्याय और महर्षि पतंजलि की जीवन गाथा पढ़ेंगे।
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जबकि 12वी के छात्र-छात्राएं रवींद्रनाथ टैगोर, लाल बहादुर शास्त्री, गुरु नानक देव, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, रामकृष्ण परमहंस, अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी, राजगुरु, रानी लक्ष्मी बाई, बंकिम चंद्र चटर्जी, महाराणा प्रताप, आदि शंकराचार्य, पाणिनी, आर्यभट्ट, सीवी रमन और रामानुजाचार्य ने जीवन के बारे में जानेंगे।
गौरतलब है कि यूपी बोर्ड द्वारा महापुरुषों की जीवनी पढ़ाने को लेकर सिलेबस में किए गए बदलाव को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है। कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है, सिलेबस में वीर सावरकर को जगह दी गई है, लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को भूला दिया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और राजनीति के तहत किया गया कार्य है।