वाराणसी और प्रयागराज में बढ़ा बाढ़ का कहर, सीएम योगी ने दिए विशेष चौकसी के निर्देश

बाढ़ का कहर

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। पहाड़ों के साथ ही मध्य प्रदेश में बारिश के कारण उत्तर प्रदेश की नदियां कहर बरपा रही हैं। वहीं गंगा और यमुना नदी में बाढ़ को देखते हुए बुधवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रयागराज और वाराणसी के अधिकारियों को पूरी चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं।

मुख्‍यमंत्री ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिया कि सभी प्रबंध सुनिश्चित करते हुए बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जाए। साथ ही उन्होंने संबंधित मण्डलायुक्‍त और जिलाधिकारी सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को बाढ़ के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

बांधों का करें निरन्तर निरीक्षण

सीमए ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया जाए और हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बांधों का निरन्तर निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए ताकि आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

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गौरतलब है कि वाराणसी में लगातार बढ़ रही गंगा नदी का जल स्तर बुधवार को खतरे के निशान को पार कर गया। वाराणसी में बाढ़ से 53 गांव के अलावा कई कॉलोनियां और मोहल्ले प्रभावित हैं। लोग अपने-अपने घर को छोड़कर सुरक्षित ठिकाने पर जा रहे हैं। वहीं वाराणसी में वरुणा नदी में भी उफान आने के बाद तटवर्ती इलाकों में सैकडों मकान पानी में डूब चुके हैं। वहीं, कई घरों में दुश्वारी बढ़ने के बाद लोग पलायन भी करने लगे हैं। जिला प्रशासन भी लगातार इनकी देखभाल में लगा है।

बाढ़ में फंसे लोगों के बचाव में जुटी एनडीआरएफ

वहीं एनडीआरएफ से और टीम बढ़ाए जाने की सिफारिश भी जिला प्रशासन की ओर से की गई है। एनडीआरएफ की टीम पिछले तीन दिनों में एक हजार से ज्‍यादा लोगों को बोट के ज़रिये रेस्क्यू करके बाहर निकाल चुकी है। इसके साथ ही एक हजार से ज्‍यादा लोगों ने बाढ़ राहत केंद्रों में शरण ली है।

एयरफोर्स से हेलीकॉप्टर की मांगी गई मदद

प्रयागराज में बाढ़ की वजह से पांच लाख से ज्‍यादा की आबादी प्रभावित है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक तमाम मोहल्ले व गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कई मोहल्ले तो पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। कई जगह तो हालात इतने खराब हैं कि लोगों के घरों की पहली मंजिल पूरी तरह डूब गई है। वहीं यमुना नदी भी खतरे के निशान को छूने के करीब है। हालात से निपटने के लिए अब सेना की मदद लेने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही बाढ़ में फंसे हुए हज़ारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए एयरफोर्स से हेलीकॉप्टर की मदद मांगी गई है।

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