अटल जी के पैतृक गांव बटेश्वर में योगी ने किया अस्थियों का विसर्जन, अब अटल चौक के नाम से जाना जाएगा हजरतगंज चौराहा

अस्थियों का विसर्जन
अटल जी की अस्थियों का विसर्जन करने जाते मुख्‍यमंत्री साथ में अन्‍य।

आरयू संवाददाता, 

लखनऊ/आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को हेलीकॉप्टर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आगरा स्थित पैतृक गांव बटेश्वर पहुंचे। जहां उन्‍होंने रानी घाट पर अटल जी की अस्थियों को यमुना नदी में विसर्जित किया। योगी ने पहले नदी किनारे मंदिर में पूजा की और फिर अस्थियां प्रवाहित की। इस दौरान अटल जी के दामाद रंजन भट्टाचार्य भी राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के साथ मौजूद थे।

अस्थि विसर्जन के बाद रामलीला मैदान के पास बने जैन मंदिर में श्रद्धांजलि सभा हुई। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश वासियों का सौभाग्य है कि देश के महान सपूत अटल जी की जन्मभूमि, शिक्षा भूमि और कर्म भूमि यह रहा है।

उन्‍होंने कहा कि अटल के पैतृक गांव के विकास के लिए प्रदेश सरकार कार्ययोजनाओं पर काम कर रही है। बहुत जल्द यहां अटल जी का स्मारक, एकेडमी सहित तमाम विभाग स्थापित होंगे। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन से पूर्व अभूतपूर्व विकास कार्य बटेश्वर की धरती पर होंगे। अस्थि विसर्जन के समय हुई तेज बारिश पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक वे जहां-जहां भी अटल जी की अस्थियों का विसर्जन करने गए हैं, वहां प्रकृति ने भी अपने महान सपूत के बिछड़ने पर श्रद्धांजलि दी है।

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इस दौरान मुख्‍यमंत्री अटल बिहारी के उस घर में भी गए, जहां वाजपेयी ने अपना बचपन बिताया था। 60 स्क्वायर यार्ड के उनके घर को स्मारक और संग्रहालय बनाया जाएगा। वहां मौजूद अधिकारी ने बताया कि “यहां एक छोटा पर्यटक सर्किट बनाया जाएगा, जिसके तहत यज्ञशाला, पार्क और कई मंदिर बनाए जाएंगे।”

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बता दें कि आज ही लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कार्यकारिणी सदस्यों, सभी पार्षदों एवं जनता की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए हजरतगंज चौराहे के नाम अटल चौक रखने की आधिकारिक घोषणा की। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा पार्षद दल के साथ-साथ सम्पूर्ण विपक्ष के पार्षदों ने हजरतगंज चौराहे के नाम बदलकर अटल चौक रखने की सहमति जताई थी। सभी पार्षदों ने अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर लखनऊ के विभिन्न सड़क, मार्ग, चौराहों, पार्क आदि के नामकरण के लिए प्रस्ताव भेजा था।

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इसके अलावा स्मृति उपवन का नाम अटल स्मृति उपवन रखा जाएगा, जिसमें उनकी 51 कविताएं होंगी, उनके भाषण समेत तमाम चीज होंगी जिससे लोग वहां जाए और कुछ सीख कर आए।

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