आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में सोमवार को तबलीगी जमात से जुड़ें 21 नए मामलों समेत कोरोना वायरस के कुल 27 केस सामने आने के बाद इनकी संख्या तीन सौ को पार करते हुए 305 तक पहुंच गयी है। एक ओर उत्तर प्रदेश समेत देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर किसी उम्मीद की आस लगाए 15 अप्रैल से घरों के बाहर निकलने का सपना देख रहे यूपी के लोगों को अभी कुछ दिन और घर में ही रहकर बाहर निकलने का इंतजार करना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें- यूपी में कोरोना से तीसरी मौत, KGMU की जांच में भी मिलें 16 नए संक्रमित, वाराणसी के चार इलाकों में कर्फ्यू
सोमवार को योगी सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से अगाह करते हुए एक बड़ा बयान दिया है। सरकार की ओर से स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 15 अप्रैल तक अगर यूपी में कोरोना वायरस का एक भी मामला बचा रहेगा तो सरकार लॉकडाउन खोलने की स्थिति में नहीं होगी।
यह भी पढ़ें- कोरोना से यूपी में जान गंवाने वाले पहले मरीज के दोस्त समेत मिले तीन नए संक्रमित, जमात के 884 लोगों को भी किया गया क्वारंटाइन
लोकभवन में आयोजित प्रेसवार्ता में आज अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या 278 से बढ़कर 305 हो गयी है। कल की तुलना में कोरोना मरीजों की संख्या में 27 की बढ़ोतरी हुयी है, जिसमें से 21 मरीज ऐसे हैं, जो तबलीगी जमात से जुडे़ हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल कोरोना मरीजों की संख्या में से 159 मरीज तबलीगी जमात से जुड़े हैं।
यह भी पढ़ें- लॉकडाउन में भी एडवांस फीस वसूली को बेचैन स्कूलों की DM लखनऊ ने कसी लगाम, सभी शैक्षिक संस्थानों को दिए आदेश
वहीं 14 अप्रैल को लॉकडाउन की 21 दिनों की अवधि पूरी होने व 15 अप्रैल से लॉकडाउन खुलने के बारे में आज अवनीश अवस्थी ने कहा कि 15 तारीख के बाद लॉकडाउन खुलेगा ऐसी संभावना अभी बहुत स्पष्ट नहीं है। तबलीगी जमात के मामलों के आने के बाद संवेदनशीलता बढ़ी है। लगभग आधे से ज्यादा मामले तबलीगी जमात से संबंधित हैं। इसमें जितने भी मरीज हैं, उन सबका निवारण करना है। ए कटैगरी, बी कटैगरी व सी कटैगरी के संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों के जहां भी होने की संभावना है, उनको ढूंढने की प्रक्रिया पूरे प्रदेश में चल रही है। इसके लिए पुलिस, जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम लगी हुई है। पूरे उत्तर प्रदेश में अगर कोरोना वायरस का एक भी केस बच जाता है तो हम लॉकडाउन खोलने की स्थिति में नहीं होंगे। ऐसे में संवेदनशीलता को देखते हुए लॉकडाउन के खुलने में समय लगने की संभावना है। साथ ही लॉकडाउन के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिये युवा वर्ग को जोड़ते हुये मोहल्ला वॉरियर बनाये जायें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिये जनसहयोग आवश्यक है।
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री ने दिए संकेत 15 अप्रैल को फेस वाइज खत्म होगा लॉकडाउन, मंत्रियों-विधायकों से मांगे सुझाव
तीन श्रेणी बनाकर चल रही सर्विलांस की प्रक्रिया
साथ ही अवनीश अवस्थी ने प्रेसवार्ता में कहा कि अब तक दिल्ली के तबलीगी मरकज में शामिल होने वाले करीब 16 सौ लोगों को चिन्हित करने के बाद 12 सौ से अधिक लोगों को क्वारंटाइन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए तीन श्रेणी बनाकर सर्विलांस की प्रक्रिया लगातार चल रही है। पहली श्रेणी में उनको रखा गया है, जो स्वयं संक्रमित है, जबकि दूसरी श्रेणी में सीधे उनके संपर्क में आये लोगों को रखा गया है। वहीं तीसरी श्रेणी में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जो दूसरी श्रेणी के लोगों के संपर्क में रहें हैं।
यह भी पढ़ें- हर्ष फायरिंग करने पर मंजू तिवारी को बलरामपुर जिलाध्यक्ष के पद से किया गया बर्खास्त
जांच की सुविधा को मजबूत करने के निर्देश
अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना जांच की सुविधा को मजबूत करने के निर्देश दिये हैं। चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि प्रदेश के दस राजकीय मेडिकल कालेजों में स्थापित टेस्टिंग लैब को अपग्रेड किया जाये। इसके अतिरिक्त 14 अन्य मेडिकल कालेजों में टेस्टिंग लैब की स्थापना किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
यह भी पढ़ें- #Lockdown: सन बाथ लेते हुए सनी लियोनी ने इंस्टा पर शेयर की हॉट तस्वीरें, पूछा 12वें दिन की गर्मी…
सैंपल कलेक्शन सेंटर स्थापित किये जायें
उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि जिन जनपदों में मेडिकल कालेज नहीं हैं, उन जनपदों के जिला चिकित्सालयों में सैंपल कलेक्शन सेंटर स्थापित किये जायें। उन्होंने बताया कि टेस्टिंग लैब को अपग्रेड किये जाने एवं नये टेस्टिंग लैब की स्थापना पर संभावित व्यय का वहन कोविड केयर फण्ड से किया जायेगा।