J-K: आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों का अपहरण कर की हत्‍या, सात SPO ने दिया इस्‍तीफा

आतंकी घटना
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। 

आतंकियों ने आज जम्‍मू-कश्‍मीर में बेहद कायराना हरकत की है। शुक्रवार को शोपियां जिले से तीन पुलिसकर्मियों को अगवा करने के बाद गोली मारकर उनकी हत्‍या कर दी है। सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिसकर्मियों के शव वंगम इलाके के एक बाग से बरामद कर लिए गए हैं।

वहीं इस घटना के बाद दहशत में आए इलाके के चार विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) ने सुबह ही इस्तीफा दे दिया। जबकि दोपहर होने तक इनकी संख्‍या बढ़कर सात हो गयी। इतना ही नहीं इन एसपीओ ने बकायदा अपने इस्‍तीफे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है। वीडियो में एसपीओ इस्तीफा देने की घोषणा करते नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी इनका इस्‍तीफा मंजूर नहीं किया गया है।

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दूसरी ओर जहां पुलिस वालों के तीनों शव मिलें हैं, उससे करीब एक किलोमीटर दूर स्थित पुलिसकर्मियों के गांव से उन्‍हें अगवा किया गया था। पुलिस के एक अफसर ने मीडिया को बताया कि बाटागुंड गांव के निवासियों ने आतंकवादियों का पीछा किया और उनसे पुलिसकर्मियों को अगवा नहीं करने का अनुरोध भी किया था, लेकिन आतंकियों ने धमकी देने के साथ ही हवा में गोली चलाकर ग्रामीणों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।

पुलिस ने मृतकों की पहचान कांस्टेबल निसार अहमद व एसपीओ फिरदौस अहमद और कुलवंत सिंह के तौर पर की है। ये पुलिसकर्मी शोपियां जिला के कापरेन और हीपोरा इलाके से संबंधित थे। आतंकियों ने पुलिसकर्मी के एक भाई को भी अगवा किया था, हालांकि उसे जिंदा छोड़ दिया।

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अपहरण के बाद आतंकवादियों ने इलाके में एक नदी को पार किया और वहीं गोली मारकर पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। निसार अहमद सशस्त्र पुलिस में कार्यरत थे, फिरदौस अहमद रेलवे में सेवा दे रहे थे, जिन्हें कांस्टेबल बनाये जाने की प्रक्रिया चल रही थी, जबकि कुलवंत सिंह कुलगाम पुलिस में तैनात थे।

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वहीं इसकी जिम्‍मेदारी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने कथित रूप से संबद्ध एक ट्विटर हैंडल पर लेते हुए इस अपहरण और हत्या की वारदात को अंजाम देने का दावा किया है।

हिज्बुल ने दी थी धमकी नौकरी, छोड़ों या अंजाम भुगता

उल्‍लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी रियाज नायकू ने एक वीडियो जारी कर पुलिसकर्मियों व एसपीओ को नौकरी छोड़ने की धमकी दोहराई थी। ऑडियो क्लिप में नौकरी छोड़ने के लिए चार दिन का समय दिया गया था। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी नौकरी छोड़ने के लिए धमकाया गया था। उस दो मिनट के वीडियो में नौकरी नहीं छोड़ने वालों के परिजनों को भी जान से मारने की धमकी दी गई थी।

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