जन्‍मदिन पर देश को सरदार सरोवर बांध का तोहफा देकर बोले मोदी, जनता के सपने के लिए जिउंगा

सरदार सरोवर बांध

आरयू वेब टीम।

अपने जन्‍मदिन पर प्रधानमंत्री ने गुजरात के दभोई में देश को महत्‍वपूर्ण तोहफा दिया है। उन्‍होंने आज दभोई में सरदार सरोवर डैम का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के जीवन को नर्मदा नदी कैसे बदल सकती है इसके विषय में सोचा।

इस बांध की आधारशिला देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पांच अप्रैल,1951 को रखी थी। यह मेरा सौभाग्‍य है कि उनकी यह सौगात मुझे देश को प्रदान करने का अवसर मिला। मैं सरदार सरोवर बांध पूरे देश को समर्पित करता हूं। मोदी ने आगे कहा कि आज मेरा जन्मदिन है और जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए मैं सबक आभार प्रकट करता हूं। आप सबके आर्शिवाद से मैं जिउंगा आपके सपने के लिए।

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मोदी ने कहा कि मैं दभोई बहुत बार आया कभी बस से, कभी स्कूटर से, यहां से मेरी बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं। मैं विश्वकर्मा जयंती पर जिन-जिन लोगों ने इस सरदार सरोवर बांध का निर्माण किया है उन्‍हें बधाई देता हूं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की आत्मा जहां भी होगी वह आज हमे आशीर्वाद दे रही होगी। अगर बाबा साहब और सरदार वल्लभ भाई पटेल कुछ और साल जीते तो हमारा देश नई ऊंचाईयों को छू रहा होता।

‘मुसीबतों और रूकावटों के बाद भी किया पूरा’

मोदी ने कहा कि मां नर्मदा और इस योजना को बहुत सारी मुसीबतें झेलनी पड़ी। दुनिया की ताकत ने इस बांध के षडयंत्र रचकर रास्ते में रुकावट पैदा की। वर्ल्ड बैंक ने इस योजना के लिए पैसे देने से मना कर दिया था, लेकिन हमने हार नहीं मानी और ठान लिया था कि हम भारत के पसीने से इस बांध को बना के रहेंगे।

विकास के अंदर कोई सबसे बड़ा रुकावट बना है तो वह पानी बना है। जिस दिन मैं नर्मदा का पानी लेकर वहां पहुंचा तो मैंने बीएसएफ के जवानों तके चेहरे पर एक खुशी देखी थी। ये प्रॉजेक्ट करोड़ो किसानों के भाग्य को बदलने को लिए बनाया गया। जब नर्मदा का जल उनकी मुसीबतों को दूर करेगा तो करोड़ो माओं का आशीर्वाद मुझ जैसे बेटे को मिलेगा।

जाने ये है बांध की खासियत

संस्था ने इसपर 1996 में स्थगनादेश भी ले लिया था। अदालत ने बांध का काम फिर से शुरू करने का आदेश अक्तूबर 2000 में दिया।इस बांध की ऊंचाई को हाल ही में बढ़ाकर 138.68 मीटर किया गया है।

बांध के 30 दरवाजे हैं। एक दरवाजे का वजन 450 टन है। हर दरवाजे को बंद करने में एक घंटे का समय लगता है।

सरदार सरोवर बांध की 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी स्टोर करने की क्षमता है।

सरदार सरोवर बांध की नींव भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाला नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 में रखी थी। ये नर्मदा नदी पर बना 800 मीटर ऊंचा बांध है।

सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। यूएस का ग्रांड कोली डेम दुनिया का सबसे बड़ा बांध है।

ये बांध अब तक 16,000 करोड़ की कमाई कर चुका है। जो इसके स्ट्रक्चर पर हुए खर्च से तकरीबन दोगुना है।

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