60 साल के बाद इन व्यापारियों को हर महीने मिलेगी तीन हजार पेंशन, जानें नियम

व्यापारियों को पेंशन
डिप्टी सीएम को ज्ञापन देते व्यापारी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गन्‍ना संस्थान सभागर में गुरुवार को राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के नव नियुक्त अध्यक्ष सुनील सिंघी ने व्यापारियों के लिए बड़ी घोषणा की है। जिसमें कहा है कि व्यापारी 60 साल की उम्र पूरी करने पर हर महीने  तीन हजार रुपए पेंशन पाएंगे। साथ ही बताया कि इस पेंशन को पाने के लिए व्यापारियों को प्रति माह तय धनराशि को जमा करना होगा। व्यापारी जितनी रकम जमा करेंगे, उतनी ही रकम राज्य सरकार के द्वारा जमा की जाएगी।

सुनील सिंघी ने बतौर विशिष्ट अतिथि व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 18 से 40 साल के व्यापारी को प्रतिमाह 50 रूपये एवं 40 साल से अधिक उम्र के व्यापारी को दो रूपये प्रतिमाह नजदीक की बैंक में जमा करने होंगे। बैंक में पेंशन मद का खाता खुलने के बाद व्यापारी को आधार एवं बैंक पासबुक जरिये जनसुविधा केंद्र से सत्यापन कराना पड़ेगा।

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साथ ही ये भी बताया कि तीन हजार रूपये की पेंशन के हकदार वहीं व्यापारी होंगे, जिनकी सालाना आय 1.50 करोड़ से अधिक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस व्यापारी पेंशन योजना से व्यापारियों को बहुत फायदा होगा। इतना ही नहीं व्यापारियों के द्वारा राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड को जो समस्याएं दी जाएंगी वह सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाएंगी और उनका त्वरित निराकरण होगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड के यूपी से सदस्य बने देवेश रस्तोगी व्यापारियो की समस्याएं दूर कराने में अहम भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने यूपी से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा यहां की कानून व्यवस्था में बेहतर सुधार हुआ, जिससे व्यापारी सुरक्षित हुए।

गुंडई खत्म, व्यापारी भयमुक्त: डिप्टी सीएम

व्यापारी सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि यूपी में गुंडई करने वालों का खात्मा हो चुका है। इससे व्यापारी भयमुक्त हुए हैं, जबकि सपा सरकार में व्यापारियों के सामने लुटने व पिटने का 24 घंटे भय बना रहता था। साथ ही सम्मेलन में घोषणा गई, कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पैरवी पर आवास विकास ने इंदिरानगर व राजाजीपुरम में चल रही सीलिंग की कार्रवाई को स्थगित कर दिया है। दोनों जगहों पर जिन लोगों ने घर में व्यावसायिक केंद्र बनाकर कारोबार कर रहे थे उनके प्रतिष्ठान को आवास विकास के द्वारा सील किया जा रहा था। सम्मेलन में डिप्टी सीएम ने सीलिंग के मामले को लेकर नये कानून को बनाने की बात भी कही।

उत्‍तर प्रदेश आदर्श व्‍यापार मंडल के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय गुप्‍ता ने बताया कि आज व्‍यापार मंडल की ओर से उप मुख्‍यमंत्री व व्‍यापारी कल्‍याण बोर्ड के चेयरमैन को एक मांग पत्र भी सौंपा गया है।

आदर्श व्‍यापार मंडल की ये हैं मांगे-
  • प्रदेश एवं देश में ई “कॉमर्स नीति” बनाई जाए विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा देश के नियम कानूनों का उल्लंघन करते हुए विभिन्न प्रकार के छदम तरीके अपनाकर किए जा रहे व्यापार पर अंकुश लगाने तथा उन्हें नियमों का अनिवार्य रूप से पालन कराने को प्रदेश में “ई कॉमर्स नीति” बनाई जाए।
  • उत्‍तर प्रदेश के व्यापारियों के व्यापार को ई-कॉमर्स के माध्यम से बढ़ाने के लिए राज्य स्तर पर सरकार स्वयं या पीपीपी मॉडल पर व्यापारियों के सहयोग से पूर्ण रूप से स्वदेशी “ई-कॉमर्स पोर्टल” तैयार कराए। इसमें प्रदेश के व्यापारियों को निशुल्क व्यापार करने की सुविधा हो पोर्टल के प्रचार प्रसार के लिए सरकार अपने बजट में प्रावधान करे।
  • प्रदेश में व्यापारियों के व्यापार बढ़ाने को “व्यापारी नीति आयोग” का गठन किया जाए। इसमें प्रदेश के प्रमुख अनुभवी व्यापारियों को मुख्य भूमिका में रखा जाए तथा अधिकारियों को सदस्य के रूप में ही रखा जाए।
  • प्रदेश के वित्त मंत्री के साथ प्रदेश के प्रमुख व्यापारी संगठनों की बैठक त्रैमासिक आयोजित की जाए ताकि वित्त मंत्री  के माध्यम से जीएसटी काउंसिल में व्यापारियों की समस्याएं पहुंच सके।
  • जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए दस लाख का “व्यापारी स्वास्थ्य बीमा” सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से दिया जाए।
  • केंद्र सरकार द्वारा व्यापारियों को एमएसएमई की परिभाषा में शामिल कर लिया गया है मगर व्यापारियों को उसके लाभ के लिए कोई नियमावली नहीं बनी है इस संदर्भ में उचित परिभाषा तय हो।
  • कॉमर्शियल विद्युत कनेक्शन की दरें कम हो तथा कॉमर्शियल उपभोक्ता द्वारा जितनी विद्युत का उपयोग किया गया हो, उतनी विद्युत मूल्य ही लिए जाएं डिमांड चार्ज, फिक्स चार्ज ,मिनिमम चार्ज आदि समाप्त हो।
  • कॉमर्शियल हाउस टैक्स की दरें आवासीय हाउस टैक्स की दर से मात्र दुगनी निर्धारित की जाए वर्तमान में आवासीय दर से पांच गुना तक यह दरे प्रभावी हैं।
  • जिन व्यापारियों द्वारा अपने प्रतिष्ठानों पर वाटर कनेक्शन नहीं लिया गया हो तथा उनके प्रतिष्ठान में शौचालय मूत्रालय का प्रयोग ना हो रहा हो उन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को जल कर के भुगतान से मुक्त रखा जाए।
  • जनता की आवश्यकता के अनुसार स्वाभाविक रूप से प्रदेश के महानगरों में 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर जिन आवासीय क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में 80 प्रतिशत से अधिक व्यवसायिक गतिविधियां हो रही उन बाजारों को बाजार मार्ग/मार्केट स्ट्रीट घोषित किया जाए।
  • प्रदेश के महानगरों में मिक्स लैंड यूज की व्यवस्था लागू की जाए तथा भू उपयोग परिवर्तन की नियमावली बनाई जाए।
  • प्रदेश के व्यापारियों की सुरक्षा के लिए व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ को प्रभावी बनाया जाए और यूपी के हर थाने में व्यापारी हेल्प डेस्क बने।
  • व्यापारियों के यहां किसी भी छापे की कार्यवाही पर पूर्णतया प्रतिबंध हो, विशेष परिस्थितियों में केवल मुख्यमंत्री की अनुमति से ही छापे पड़े।
  • पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के सैंपल उत्पादन इकाई से ही लिए जाए व्यापारिक प्रतिष्ठानों से नहीं लिया जाए, न ही उन्हें मुकदमे में पार्टी बनाया जाए व खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के सैंपल की हुई द्विस्तरीय जांच की व्यवस्था हो तथा प्रदेश के सभी जिलों में टेस्ट लैब की स्थापना हो।
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