आरयू वेब टीम।
देशभर में जिन दो बड़े मुद्दों को लेकर मोदी सरकार ने जोर-शोर से काम करने का दावा करते हुए उसे देश हित में बताया था, अब उन्हीं पर शिवसेना ने सवाल उठा दिए हैं। हम बात कर रहे नोटबंदी और जीएसटी की। वहीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अच्छे दिन के नारे पर भी शिवसेना प्रमुख ने चुटकी ली है।
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से देश भर में चार महीने के दौरान करीब 15 लाख लोग बेरोजगार हो गए, नौकरियां चली गई तो उनकी दाल-रोटी का क्या इंतजाम है, वह अपना परिवार कैसे पालेंगे कौन सोचेगा।
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भाजपा के अच्छे दिन वाले नारे पर शिवसेना प्रमुख ने कहा कि मोदी सरकार से लोगों को काफी उम्मीद थी। जनता अच्छे दिनों का इंतजार कर रही है, लेकिन अच्छे दिन तो सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा बाकी सब आनंद ही आनंद है।
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वहीं हाल ही में एक देश एक टैक्स के साथ लागू की गई जीएसटी पर भी उन्होंने हमला बोलते हुए सवाल उठाएं। कहा कि जिस तरह से चीजें हो रही हैं वो सब गड़बड़ है। इसे देखते हुए शांत रहना मुश्किल है, लेकिन फिलहाल समझदारी इसी में है कि जो हो रहा है उसे शांति से देखते रहो। वहीं आगे उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना प्रमुख की विरासत चलानी है तो ज्यादा समय तक शांत रहना हमारे खून में नहीं है।
सबकुछ केंद्र के हाथ में रखने का शुरू है काम
उद्धव ने कहा कि विरोध करने के पीछे एक ही उद्देश्य है कि हमारे यहां सबका केंद्रीयकरण करना है या विकेंद्रीयकरण करना है? अगर जिसकी लाठी उसकी भैंस ही राज करने का तरीका है तो राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने पंचायती राज को निचले स्तर तक पहुंचाया था। आज मोदी प्रधानमंत्री हैं और उस स्वायत्तता को खत्म कर सब कुछ केंद्र के हाथ में रखने का काम शुरू है।
बताते चलें कि शिवसेना भाजपा की सहयोगी पार्टियों में गिनी जाती है, हालांकि समय-समय पर इसके प्रमुख मोदी सरकार के ही खिलाफ मोर्चा खोलते दिखाई देते है।
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