आरयू वेब टीम। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष पर बुधवार को गंभीर आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कहा कि आज भी मुझे बोलने नहीं दिया गया बस कार्यवाही स्थगित कर दी गई मुझे नहीं पता लोकसभा स्पीकर ऐसा क्यों कर रहे हैं। सिर्फ सरकार को बोलने दिया जा रहा है। मैं नेता प्रतिपक्ष हूं, लेकिन पिछले एक हफ्ते से मुझे नहीं बोलने दिया गया है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैंने कुछ नहीं किया है, मैं शांति से बैठा था। पिछले सात-आठ दिन में मैंने कुछ नहीं बोला। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की जगह होती है, लेकिन यहां लोकतंत्र की जगह नहीं है। पता नहीं कि लोकसभा अध्यक्ष की क्या सोच है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है।
वहीं सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया जाता है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कोई सांसद या मंत्री सिर्फ खड़े हो जाते हैं तो उन्हें बोलने की खूली छूट मिल जाती है। गोगोई का कहना था, ‘‘जब सुषमा स्वराज जी नेता प्रतिपक्ष थीं तो लोकसभा में उन्हें क्या सम्मान मिलता था, हम सबने देखा है।”
साथ ही बताया कि, ‘‘हम लोकसभा अध्यक्ष से मिले और अपनी आपत्ति दर्ज कराई और नेता प्रतिपक्ष की गरिमा की जो अवहेलना हो रही है, उसके बारे में बताया है।” उनका कहना था कि लोकसभा अध्यक्ष से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है। गोगोई ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सदन चले, लेकिन यह एक साजिश है ताकि सदन में माहौल खराब हो।”
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गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह सदन के नियमों और परंपराओं के अनुरूप आचरण करें तथा उनसे ऐसी अपेक्षा भी की जाती है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया कि बिरला ने राहुल गांधी के किस आचरण को लेकर यह टिप्पणी की। बिरला ने जब यह टिप्पणी की तो राहुल गांधी सदन में मौजूद थे।
लोकसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल के दौरान कहा कि इस सदन में पिता-पुत्री, मां-बेटी और पति-पत्नी सदस्य रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा है कि वह नियम 349 के तहत पालनीय नियमों के अनुसार सदन में आचारण- व्यवहार करें।