आरयू इंटरनेशनल डेस्क।
एक बार फिर पाकिस्तान मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर कार्रवाई करने की तैयारी में है, लेकिन पाक की यह कार्रवाई सीधे उसके ऊपर ना होकर उसके जरिए चलाए जा रही चैरिटी और अन्य संस्थाओं पर की जाएगी।
रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाफिज सईद को वाशिंगटन से आंतकी करार दिए जाने के बाद इन संस्थाओं पर कार्रवाई को लेकर पाक सरकार ने 19 दिसंबर को अपने गुप्त आदेश में कई प्रांतीय और संघीय सरकार के साथ इस योजना को साझा किया है। रायटर्स के मुताबिक इस उच्चस्तरीय बैठक में शामिल हुए अधिकारी ने उनसे यह जानकारी साझा की है।
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बैठक में पाक वित्त मंत्रालय की ओर से जारी इस गोपनीय डॉक्यूमेंट्स में पाक की पांच प्रांत की सरकार और वहां के कानून प्रवर्तन एजेंसियों को यह निर्देश दिया है कि 28 दिसंबर तक वे इस बारे में अपना एक्शन प्लान बताएं। इसमें हाफिज सईद की दो चैरिटी जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को अपने नियंत्रण में लेना है।
मालूम हो कि अमेरिका ने जमात उद दावा और फलह ए इंसानियत को लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा बताया है। लश्कर-ए- तैयबा की स्थापना हाफिज सईदन ने 1987 में की थी जिस वाशिंगटन और भारत दोनों ही 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार मानता है। हालांकि, सईद ने लगातार ये कहा है कि उसका मुंबई अटैक में कोई हाथ नहीं है और पाकिस्तान की अदालत ने भी उसे सबूतों को अभाव में रिहा कर दिया।
एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ चुनौतियों का सामना करता है। एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान को यह चेतावनी दी गई कि वह आतंकवादियों के वित्त पर कार्रवाई करने में फेल रहता है तो उसके वॉच लिस्ट में शामिल किया जा सकता है।
इस योजना को लेकर की गई बैठक की सह-अध्यक्षता करने वाले पाकिस्तान के गृह मंत्री अहसान इकबाल ने जेयूडी और एफआईएफ पर कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में बताया कि उन्होंने अथॉरिटिज को यह आदेश दिया है कि पाकिस्तान में जितने भी प्रतिबंधित संगठन है उसके फंड रेजिंग को रोका जा सके।