आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने दो दिवसीय यूपी दौरे पर कांग्रेस को मुस्लिम महिला विरोधी बताने वाले भाषण को लेकर रविवार को यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने पीएम के साथ ही भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा है। बसपा सुप्रीमो ने हिन्दू-मुस्लिम, तलाक जैसे मुद्दे छेड़ने पर कहा है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा जनता का ध्यान अहम मुद्दों से हटाने के लिए ऐसा राग छेड़ रहे हैं।
साथ ही उन्होंने आशंका जतायी है कि बीजेपी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा के आम चुनाव को अपने फायदे के लिए इसी साल करा सकती है। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिराकर बीजेपी इसकी भूमिका पहले ही तैयार कर चुकी है।
मायावती ने अपने एक बयान में प्रधानमंत्री के आजमगढ़ व मिर्जापूर में दिये गये भाषण को चुनावी जुगाड़ों वाला भ्रामक भाषण बताते हुए कहा कि खासकर कर्नाटक में साम, दाम, दण्ड, भेद के हथकण्डे अपनाने के बावजूद सरकार नहीं बनाने के कारण बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व कुण्ठा व हताशा से ग्रसित प्रतीत होता है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि भाजपा जातिवादी व सांप्रदायिक चुनावी राजनीति का मैदान तैयार करने के लिए देश को तनाव व हिंसा की आग में झोंकने का प्रयास सरकारी संरक्षण में लगातार कर रही है।
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मोदी और योगी सरकार पर देश की महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी, किसानों की आत्महत्या व पलायन जैसी समस्याओं की घोर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी की संकीर्ण व विभाजनकारी राजनीति अब काम आने वाली नहीं है। लोगों ने संगठित होकर इन्हें विफल करने का प्रयास शुरु कर दिया है, जिसका परिणाम अब हर जगह देखने को मिल रहा है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि नफरत, विभाजन व तोड़ने की राजनीति हमेशा टिकाऊ नहीं हो सकती है।
बसपा सुप्रीमो ने हमला जारी रखते हुए कहा कि संसद के आने वाले मानसून सत्र में मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना है, लेकिन इससे बचने के लिये बीजेपी ने तो पिछला बजट सत्र चलने ही नहीं दिया था और अब भी उसकी ऐसी ही नकारात्मक रणनीति दिखाई पड़ती है।