आरयू वेब टीम।
महाराष्ट्र में शिक्षा और रोजगार में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे मराठाओं का आंदोलन मंगलवार को देखते ही देखते हिंसक हो गया। जब आंदोलनकारियों ने कई जगहों पर गाड़ियों में तोड़फोड़ की और फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई है।
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। वहीं आंदोलनकारियों ने मुंबई-गोवा और नासिक-मुंबई हाइवे को जाम कर दिया है। मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सरकार पर सांकेतिक दबाव बनाने के लिए औरंगाबाद के गंगापुर में सिर भी मुंडवाए।
काकासाहब शिंदे की आत्महत्या के बाद हिंसक हुआ आंदोलन
मालूम हो कि कल आरक्षण की मांग को लेकर एक युवक काकासाहब शिंदे ने औरंगाबाद में गोदावरी नदी में कूदकर जान दे थी, जिसके बाद मराठा क्रांति मोर्चा समेत कई संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया। काकासाहब शिंदे की मौत के लिए आंदोलनकारियों ने राज्य की फडणवीस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
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वहीं आरक्षण की मांग करने वाले एक मराठा नेता ने कहा कि उन्होंने आज पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है और जब तक मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस समुदाय से माफी नहीं मांग लेते यह विरोध जारी रहेगा।
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अंदोलन का यह रहा असर
रत्नागिरी के सांवरडा में मराठा आंदोलनकारियों ने मुंबई-गोवा हाइवे को रोक दिया। साथ ही आंदोलन की वजह से स्कूल, दुकान, रोड ट्रांसपोर्ट बंद है। मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में रोड ट्रांसपोर्ट प्रभावित है। प्रदर्शनकारियों ने मुंबई नासिक हाइवे नासिक के पास बंद कर रखा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए औरंगाबाद में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से रोक दी गईं हैं। आज एक मराठा आंदोलन कर्ता ने आत्महत्या की कोशिश की। औरंगाबाद के कन्नड़ में देवगांव रंगारी में एक युवक ने पुल से छलांग लगा दी, जिसमें वह बुरी तरह जख्मी हो गया।
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के सांसदों ने लोकसभा में भी मराठा आरक्षण आंदोलन और हिंसा का मुद्दा उठाया। शिवसेना के विनीयक राउत और धनंजय महाडिक ने सरकार से इसपर ध्यान देने की अपील की।
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