आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के मद्दे नजर शनिवार को सपा-बसपा ने गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया है। ये वो पल है जहां इतिहास एक बार फिर दोहरा रहा है। 1993 में बसपा संस्थापक कांशीराम और सपा के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया था। अब 2019 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए एक साथ पहुंचे अखिलेश मायावती ने गुलदस्ते से एक-दूसरे का स्वागत किया।
गठबंधन से उड़ जाएगी गुरु चेले की नींद
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने भाजपा पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस गठबंधन से मोदी और अमित शाह दोनों गुरु चेले की नींद उड़ जाएगी। वहीं बार-बार भाजपा द्वारा लखनऊ गेस्ट हाउस कांड उठाने को लेकर मायावती ने जवाब देते हुए कहा कि लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से देश हित के मुद्दे को ऊपर रखते हुए हमने गठबंधन करने का फैसला किया है। यही वजह है कि हम 25 साल बाद फिर से देश के लिए एक साथ आए हैं।
इस बार भी हम होंगे सफल
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारी पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर के देहांत के बाद उनके कारवां को गति प्रदान की है। हमनें उस कारवां को ऐतिहासिक सफलता भी दिलाई है। हम जातिवादी व्यवस्था के शिकार लोगों को सम्मान दिलाने का काम कर रहे हैं। हम पहले भी साथ आए थे और आज फिर चुनाव के लिए साथ आ रहे हैं। उस दौरान भी चुनाव में सफलता मिली थी और इस बार भी हम सफल होंगे।
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जनता खड़ी हैं बीजेपी के चुनावी वादा खिलाफी और तानाशाही रवैये के खिलाफ
हमारा मकसद सिर्फ बीजेपी जैसी सांप्रदायिक पार्टियों को सत्ता से बाहर रखने का है। आज उत्तर प्रदेश सहित देश की सवा सौ करोड़ आम जनता बीजेपी के घोर चुनावी वादा खिलाफी और तानाशाही रवैये के खिलाफ खड़ी हैं। हमारा गठबंधन नई राजनीतिक क्रांति की तरह होगा। बसपा-सपा के गठबंधन से आम जनता की उम्मीद जग गई है। यह गठबंधन सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ही नहीं है बल्कि यह गरीबों, महिलाओं, किसानों, दलितों, शोषित और पिछड़ों को उनका हक दिलाने के लिए है। अब इस पार्टी को सत्ता में आने का अधिकार नहीं है।
शिवपाल पर साधा निशाना, प्रसपा को लेकर भी बोलीं मायावती…
वहीं इस दौरान मायावती ने सपा से अलग होकर नई पार्टी प्रसपा (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव को भी निशाने पर लिया। मायावती ने शिवपाल यादव की भूमिका सपा व बसपा का वोट काटकर भाजपा को फायदा पहुंचाने वाली की बतायी। साथ ही उन्होंने शिवपाल पर आरोप लगाया कि प्रसपा पर भाजपा पैसा लगा रही है, लेकिन भाजपा का ये सारा पैसा बर्बाद चला जाएगा।
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उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बसपा-सपा: अखिलेश
प्रेेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए सपा-बसपा का मिलना जरूरी था। मैनें कहा था कि इस गठबंधन के लिए अगर दो कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हम करेंगे। सपा मुखिया ने कहा उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बसपा-सपा बाकी दो सीटें अन्य सहयोगियों के लिए और दो सीटें (अमेठी-रायबरेली) कांग्रेस के लिए छोड़ दी जाएंगी।
मायावती जी का अपमान होगा मेरा अपमान
वहीं अपने कार्यक्रताओं को नसीहत देते हुए अखिलेश ने कहा कि आज से सपा का कार्यकर्ता यह गांठ बांध ले कि मायावती जी का अपमान मेरा अपमान होगा। भारत मां का कोई भी बेटा अगर ऐसा करता है तो वह गलत है। अखिलेश ने कहा कि मैं मायावती जी के इस निर्णय का स्वागत करता हूं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि अब बीजेपी का अन्त निश्चित है।
बीजेपी पैदा कर सकती है गलतफहमी
साथ ही सपा सुप्रीमो ने यह भी कहा कि हम समाजवादी हैं औऱ समाजवादियों की विशेषता होती है कि हम दुख और सुख के साथ होते हैं। आशंका जताते हुए आगे कहा कि बीजेपी हमारे बीच गलतफहमी पैदा कर सकती है। दंगा-फसाद भी करा सकती है, लेकिन हमें संयम और धैर्य से काम लेना है।
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देश में अराजकता और कुशासन का है माहौल
भाजपा पर हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा कि देश में अराजकता का वातावरण है, कुशासन का माहौल है। बसपा और सपा का सिर्फ चुनावी गठबंधन नहीं है, बल्कि बीजेपी द्वारा किए जा रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ भी है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश को जाति प्रदेश बनाकर रख दिया है। भाजपा के नेताओं ने तो अब देवताओं को भी जातियों बांटना शुरू कर दिया है।
वहीं इस दौरान दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुआ और भतीजा जिंदाबाद के नारे लगाए। साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थल के बाहर सपा-बसपा की ओर से पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टर्स में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के मुखिया अखिलेश के फोटो साथ लगाई गई हैं। साथ ही लिखा गया है कि सपा-बसपा आई है, नई उम्मीद लाई है।