आरयू ब्यूरो, लखनऊ/उन्नाव। जिला प्रशासन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के काफी देर समझाने और मनाने के बाद उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने रविवार को युवती के शव का अंतिम संस्कार किया। इससे पहले पीड़िता के परिजन ने कहा था कि वे पीड़िता का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने नहीं आते।
जिला प्रशासन के काफी मनाने के बावजूद पीड़िता के परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हुए। इसकी जानकारी होने पर लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम परिजनों पास पहुंचें और करीब आधे घंटे बातचीत कर उन्हें समझाया।
वहीं कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया कि परिवार में एक लोग को उचित नौकरी, परिवार की मांग पर शस्त्र लाइसेंस और मुख्यमंत्री से मिलवाने का वादा किया गया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई का भी आश्वासन दिया। जिसके बाद परिवार पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मान गया।
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इसके बाद कड़ी सुरक्षा और बेहद गमगीन माहौल के बीच पीड़िता के शव को गांव के बाहर एक खेत में उनके दादा-दादी की समाधि के पास ही दफना दिया गया। अंतिम संस्कार में योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण के अलावा मेश्राम तथा अन्य आला अधिकारी व विपक्ष के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
मालूम हो कि पीड़िता का शुक्रवार को इलाज के दौरान देर रात 11:40 बजे निधन हो गया था, जिसके बाद शनिवार की रात पीड़िता के परिजन उसका शव लेकर उन्नाव पहुंचे। जबकि पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने का ऐलान किया था।
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यहां बताते चलें कि इससे पहले हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद परिजन सीएम को मौके पर नहीं तक अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं थे। जिसके बाद कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने ही मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाकर कमेलश तिवारी के शव का अंतिम संस्कार करवाया था।