आरयू वेब टीम। मध्य प्रदेश में काफी समय से मचे सियासी घमासान के बाद शुक्रवार को आखिर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम आवास पर प्रेसवार्ता कर अपना इस्तीफा देने की बात कही। इस दौरान कमलनाथ ने भाजपा पर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या करने का आरोप लगाने के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तथाकथित महाराज जिन्हें जनता नकार चुकी है और 22 लोभियों ने मिलकर भाजपा के साथ खेल रच लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की।
प्रेसवार्ता के तुरंत बाद कमलनाथ ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल लालजी टंडन को त्यागपत्र देने के बाद सीएम ने कहा है कि मध्य प्रदेश में उम्मीदों और विश्वास की हार हुई है, जबकि लोभी और प्रलोभी जीत गए हैं। कमलनाथ ने आगे कहा कि किस प्रकार से बीजेपी के द्वारा करोड़ो खर्च कर यह खेल खेला पूरा प्रदेश ये देख रहा है।
इससे पहले कमलनाथ ने कहा, 11 दिसंबर 2018 को पिछली विधानसभा का परिणाम आया, स्पष्ठ था कि कांग्रेस ने ज्यादा सीट हासिल की थी। 17 दिसंबर को मैने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल का गठन किया गया।
यह भी पढ़ें- कांग्रेस का आरोप, कमलनाथ सरकार को गिराने की साजिश रच रही भाजपा
मुख्यमंत्री ने कहा आज 20 मार्च है पिछले 15 महीनों में मेरा प्रयास रहा कि हम प्रदेश को नई दिशा दें। इस्तीफा देने के पहले कमलनाथ ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा। इसमें मुख्य रुप से किसान कर्ज माफी, युवा रोजगार, प्रदेश में निवेश का वातावरण तैयार करने और सस्ती बिजली जैसे बातें मुख्य थीं।
कमलनाथ ने कहा कि किस प्रकार से भाजपा के द्वारा करोड़ो खर्च कर यह खेल खेला गया पूरा प्रदेश यह देख रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि एक महाराज के साथ कुछ लोभी विधायकों ने यह खेल खेला। भावुक होते हुए कमलनाथ ने कहा मेरा क्या कसूर था मेरी क्या गलती थी।
इतना ही नहीं कमलनाथ ने कहा कि जब मैं केंद्र में था तब मैने प्रदेश की बहुत सहायता की। मुझे जनता ने पांच साल का मौका दिया था प्रदेश को नए रास्ते मे लाने के लिए। मेरा क्या कसूर था मैंने हमेशा विकास में विश्वास रखा। मुझे 15 महीने मिले जिसमें ढाई महीने आचार संहिता में लग गए। भाजपा वाले मेरे खिलाफ साजिश करते रहे हैं। पहले दिन से ही इन्होंने षड्यंत्र शुरू किया, एक महाराज और 22 लोगों के साथ मिलकर भाजपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की। मैं चाहता था कांग्रेस महल में नहीं,महल कांग्रेस में आये। पूरी प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात हुआ।