आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस (कोवडि-19) के चलते लागू लॉकडाउन फाइव के पहले दिन यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए गए आर्थिक पैकेज पर आज सवाल उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था डुबाने वालों को ही आर्थिक पैकेज दे दिया है।
सोमवार को अपने एक बयान में अखिलेश ने केंद्र सरकार के घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज पर सवाल उठाते हुए आगे कहा कि इस पैकेज से मजदूरों, किसानों और गरीबों को क्या मिला? गरीब, मजदूर आज भी भूखे मर रहें हैं, किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।
हमला जारी रखते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में पिछले छह सालों में अर्थव्यवस्था को पहले ही बर्बाद कर दिया था। कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था फ्रीफाल की स्थिति में है। सभी कारोबार में भीषण मंदी है।
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वहीं योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए आज अखिलेश ने कहा कि यूपी में गन्ना किसानों का बकाया 20 हजार करोड़ रुपया से ज्यादा हो चुका है, लेकिन योगी सरकार को उसकी कोई फिक्र नहीं है। अभी भी गन्ना खेतों में खड़ा है। गेहूं की भी लूट हो गई। किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है।
…लेकिन आत्मनिर्भर होने का रास्ता नहीं बताती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता से आत्मनिर्भर बनने वाले बयान पर सवाल उठाते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर बनने की बात करती है, लेकिन आत्मनिर्भर होने का रास्ता नहीं बताती। ऐसा लगता है कि सरकार किसानों की जमीन निजी हाथों में देने पर आमादा है। डिफेंस कॉरिडोर के नाम पर किसानों की हजारों हजार एकड़ जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यह सब उद्योगपतियों को दी जाएंगी।
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सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि कोविड-19 के संक्रमण रोकने में सरकार को जितनी जिम्मेदारी से कदम उठाने चाहिए थे, वैसा नहीं किया। यह सरकार विपक्षी सुझाव नहीं सुनते। शुरुआत से ही इस बीमारी का राजनीतिक लाभ लेना चाहती थी। पहले ताली और थाली बजवाया। जब परिस्थितियां विस्फोटक हो गई तब विशेषज्ञों ने राय दी तो आनन-फानन में लॉककडाउन कर दिया। सरकार ने गरीबों और मजदूरों के बारे में सोचा ही नहीं। सरकार को गरीबों और मजदूरों तथा कामगारों को एक सप्ताह का समय देना चाहिए था, लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
बिना कोई ठोस रणनीति के लॉकडाउन बढ़ाती रही सरकार
मोदी सरकार की नीतियों को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए अखिलेश ने कहा कि बिना कोई ठोस रणनीति के मोदी सरकार एक के बाद एक लॉकडाउन बढ़ाती रही। गरीबों और मजदूरों का सब्र टूट गया। उनके पास खाने जीने को कुछ भी नहीं रह गया। वह अपने घरों के लिए साइकिल से पैदल, ऑटो से जैसे भी हो सकता था, निकल पड़े। सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया। कईयों की भूख प्यास से रास्ते में ही मौत हो गई। इस सब के लिए मोदी और योगी सरकार जिम्मेदार है।