आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाथरस में हैवानियत की शिकार हुई 19 वर्षीय युवती की मौत को लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर है। गैंगरेप की शिकार दलित युवती की मंगलवार को दिल्ली में हुई मौत के बाद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार पर हमला बोला है।
अखिलेश ने युवती की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा है कि आज की असंवेदनशील सत्ता से अब कोई उम्मीद नहीं बची है। बहन-बेटियों के परिवारों के लिए भाजपा का यह दुर्भाग्यपूर्ण शासनकाल है।
अखिलेश ने सपा नेताओं को रोके जाने पर भी नाराजगी जताते हुए आज कहा है कि हाथरस की दर्दनाक घटना का संज्ञान लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन जब पीड़ित परिवार से मिलने और उनको सांत्वना देने ग्राम बूलगड़ी जा रहे थे पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर जाने नहीं दिया। रामजी सुमन के साथ पूर्व विधायक देवेंद्र अग्रवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी भाजूद्दीन, जिला महासचिव जैनुद्दीन चौधरी, बबलू यादव, श्याम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, मुश्ताक खान, नसरूद्दीन, अशोक अग्रवाल, बंटी खान, मुन्ना लाल, शंकर पाल, मंसूर अहमद, हाफिज शफीक आदि सैकड़ों साथी थे।
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इसके अलावा सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को बताया कि अखिलेश यादव के निर्देश पर आज प्रदेश के सभी जनपदों में हाथरस की दलित बेटी की दर्दनाक और दिल दहलाने वाली मौत के विरोध में महिलाओं ने कैंडिल मार्च निकाला। महिलाओं के मार्च को कई जगह पुलिस ने रोकने की कोशिश भी की। पुलिस का यह रवैया निंदनीय था।
राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी की जिला एवं महानगर महिला सभा की ओर से हाथरस कांड और सरकार की दलित विरोधी नीति के खिलाफ कैंडिल मार्च निकाला। पार्टी के लखनऊ जिला कार्यालय, कैसरबाग से महिलाओं का बड़ा जुलूस महिला सभा की जिलाध्यक्ष प्रेमलता यादव तथा महानगर अध्यक्ष किरन पांडेय के नेतृत्व में शुरू हुआ और पुलिस ने कार्यालय के गेट पर ही घेराबंदी शुरू कर दी।
इस मार्च में कामिनी पटेल, उर्मिला रावत, सुधा यादव, ममता रावत, कहकशां, कीर्ति सिंह, पूजा शुक्ला, वंदना चतुर्वेदी, कल्पना रस्तोगी, शीला यादव आदि मुख्य रूप से शामिल थीं।
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वहीं इस मामले में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि भाजपा के बेटी बचाओं, महिला सम्मान के नारे दिखावटी और जनता को बहकाने वाले हैं। पीड़िता युवती के साथ 14 सितंबर 2020 को दबंगों ने गैंगरेप किया जिसकी रिपोर्ट लिखने में पुलिस को आठ दिन लग गए। पुलिस ने छेड़खानी में केस दर्ज किया। मुख्यमंत्री दलित-पिछड़ों की बहन-बेटी की अस्मिता की कीमत रूपयों में तौलकर दरिंदगी का बचाव करने की भूल न करे। जनता इसके विरोध में सड़क से संसद तक आवाज उठाएगी और उपचुनावों में भाजपा को पराजय का मजा चखाएगी।