22 जून से गंगा सफाई के मुद्दे पर अनशन पर बैठे पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल का निधन, PM मोदी को लिखा था पत्र

जीडी अग्रवाल
जीडी अग्रवाल, (फाइल फोटो)।

आरयू वेब टीम। 

गंगा की अविरलता और निर्मलता बनाए रखने व विशेष एक्ट पास कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में निधन हो गया। स्वामी सानंद अपना शरीर एम्‍स को दान कर गए हैं।

स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ जीडी अग्रवाल का निधन उस समय हुआ जब उन्हें हरिद्वार से दिल्ली लाया जा रहा था। 87 वर्षीय आइआइटी कानपुर के पूर्व प्रो. जीडी अग्रवाल ने जल भी त्याग दिया था। वह गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर तपस्यारत थे। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने उनके निधन की पुष्टि की है।

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बता दें कि गंगा रक्षा के लिए गत 22 जून से मातृसदन आश्रम में तपस्यारत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने नौ अक्‍टूबर से जल का भी त्याग कर दिया था। इसे देखते हुए बुधवार को प्रशासन ने उन्हें फिर ऋषिकेश एम्स में भर्ती करा दिया था। इससे पूर्व भी उन्हें एक सप्ताह के लिए एम्स में भर्ती कराया जा चुका था। प्रशासन व चिकित्सकों की टीम उन्हें एंबुलेंस से एम्स ले गई थी। इससे पहले प्रशासन ने आश्रम व आसपास के क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी।

गंगा में अवैध खनन, बांधों जैसे बड़े निर्माण और उसकी अविरलता को बनाए रखने के मुद्दे पर पर्यावरणविद स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद अनशन पर थे। स्वामी सानंद गंगा से जुड़े तमाम मुद्दों पर सरकार को पहले भी कई बार आगाह कर चुके थे और इसी साल फरवरी में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख गंगा के लिए अलग से कानून बनाने की मांग की थी। कोई जवाब ना मिलने पर वह 22 जून को अनशन पर बैठ गए थे। इस बीच दो केंद्रीय मंत्री उमा भारती और नितिन गडकरी उनसे अपना अनशन तोड़ने की अपील की थी, लेकिन वो नहीं माने।

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