आरयू ब्यूरो, लखनऊ। फिलिस्तीन मुक्ति आंदोलन के महानायक और फिलिस्तीन के पूर्व राष्ट्रपति यासिर अराफात की जयंती पर आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजली दी गयी। साथ ही कांग्रेस और फिलिस्तीन मुक्ति आंदोलन के संबंधों पर विचार गोष्टी का आयोजन हुआ।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि यासिर अराफात भारत के सच्चे दोस्त थे और हर मुद्दे पर वह भारत का पक्ष रखते थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जी से उनके व्यक्तिगत संबंध रहें हैं। यहा तक कि इंदिरा जी को वह अपनी बड़ी बहन मानते थे और इंदिरा जी हर साल रक्षाबंधन पर उनको राखी भी भेजती थी। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन के मसले पर कांग्रेस महात्मा गांधी के समय से ही फिलिस्तीन मुक्ति आंदोलन का समर्थन करती आई है और आगे भी करती रहेगी।
इस मौके पर कांग्रेस प्रशासन प्रभारी दिनेश सिंह ने भी अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दुनिया के हर देश के आजादी के आंदोलन की पूरी ताकत से आवाज बुलंद की है। 1917 में जब ब्रिटिश विदेश मंत्री ने फिलिस्तीन में इजराईल की स्थापना की घोषणा कि थी तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि फिलिस्तीन वैसे ही फिलिस्तीनियों का है जैसे इंग्लैंड अंग्रेजों का, भारत भारतीयों का, फ्रांस फ्रांसीसियों का।
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सेवानिवृत आइएएस व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनीस अंसारी ने भी इस मौके पर संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने इजराइल द्वारा फिलिस्तीन के अतिक्रमण पर मौजूदा सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि इससे हम अपना एक वफादार दोस्त खो रहे हैं।
जनव्यथा निवारण सेल के प्रभारी संजय शर्मा ने कहा कि यासिर अराफात अपने दौर में पूरे मिडिल ईस्ट के सर्वमान्य और सेक्युलर आवाज थे। इस आवाज का भारत में इतना सम्मान था कि उनका हमेशा यहां पर स्वागत राष्ट्राध्यक्ष के रूप में किया जाता था।
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इस दौरान कांग्रेस नेता सिराज वली खान, रफत फातिमा, जावेद अहमद खान, नदीमुद्दीन, शहाबुद्दीन, सिद्धिश्री, अख्तर मालिक समेंत अन्य मौजूद रहें। गोष्ठी का संचालन प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता उबैदउल्ला नासिर ने किया, जबकि कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की ओर से किया गया था।