इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत में बोले राजनाथ सिंह, भारतीय सशस्त्र बलों में सभी जाति-धर्म के युवाओं के लिए अवसर

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोलते राजनाथ सिंह।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भारतीय सशस्त्र बलों के पास सभी जातियों और धर्मों के युवाओं के लिए अवसर हैं। कोर्स पूरा करने के बाद एक मुस्लिम लड़की सानिया मिर्जा भारत की पहली महिला मुस्लिम फाइटर पायलट बनेंगी। एक समय था जब रक्षाबलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मुश्किल से होता था, लेकिन आज महिलाओं को सियाचिन जैसे क्षेत्रों में तैनात किया जाता है।

उक्त बातें लखनऊ में ‘इंटीग्रल यूनिवर्सिटी’ के दीक्षांत समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को छात्रों को संबोधित कर कही। दरअसल राजनाथ सिंह दो दिन के लखनऊ दौरे पर हैं। दो दिवसीय दौरे पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि कैंपस में चलने वाले कोर्स की एक निश्चित अवधि होती है। यहां पर आम शिक्षा प्राप्त करते हैं और शिक्षित तो होते ही हैं। मैं ये मानता हूं कि शिक्षा के साथ-साथ आप दीक्षित भी होते हैं। यानी तालीम के साथ-साथ तहजीब भी सीखते हैं, लेकिन आगे आपको तहजीब सीखने का अवसर नहीं मिलेगा ऐसी भी बात नहीं है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि इसे दीक्षांत समारोह इसलिए कहा जाता है, क्योंकि एक छात्र के रूप में जो भी समय आपने इस कैंपस में गुजारा है उसमें आपने क्या तहजीब हासिल की है। उसका अंतिम दिन वो होता है जिस दिन आप डिग्री हासिल करते हैं।

वहीं अपने जीवन के एक किस्से के बारे में बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा मित्रों, मैं अपनी जिंदगी का एक उदाहरण आपको देना चाहता हूं मैं गांव में प्राइमरी स्कूल में पढ़ता था, वहां पर पढ़ाने वाले एक पंडित जी थे और एक मौलवी जी थे। मौलवी जी मेरे पीटी टीचर थे। वह स्कूल में ट्रेनिंग के दौरान गलती होने पर पतली से छड़ी से बच्चों को प्यार से मारते थे। जब मैं पहली बार शिक्षा मंत्री बना तो लंबे काफिले के साथ घर जा रहा था। मेरे बगल में बैठें एक साथी ने बताया कि यह मौलवी साहब का गांव हैं। घर से लगभग 15 किलोमीटर दूर उनके घर के लिए मैंने वापस गाड़ी घुमवाई और उनसे जाकर मिला। उनको तब तक पता चल चुका था कि उनका पढ़ाया छात्र प्रदेश का शिक्षा मंत्री बन चुका हैं। वो फूल की माला लिए मेरा इंतजार कर रहे थे। मैं गया मैंने उनके पैर छुए और थोड़ी देर के लिए उनसे मिला। जब तक मैं वहां रहा उनकी आंखों से आंसू बंद नही हुए। बाद में जब मैं मुख्यमंत्री बना तब भी वो मेरे बंगले पर मिलने आए। हजारों की भीड़ में जब मुझे पता चला कि मौलवी जी आए हैं तो मैंने उन्हें अपने बगल में बुलाकर कुर्सी पर बैठाया। इसीलिए अपने गुरुजनों को कभी मत भूलिए। उनके बारे में कुछ गलत मत कहिए, मत भूलिए कि उन्होंने आपको तालीम दी हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना की 117 इंजीनियर रेजिमेंट की कैप्टन सुरभि जाखमोला विदेश में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)का काम संभालने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान ने सियाचिन ग्लेशियर के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया है। साथ ही नौसेना के एक पूर्ण-महिला दल ने अरब सागर निगरानी मिशन को पूरा करके इतिहास रचा। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी अग्निवीर योजना के तहत भारतीय नौसेना में महिला नाविकों को जगह मिली है।

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इस दौरान दीक्षांत समारोह में यूनिवर्सिटी के टॉपर अनम तनवीर को गोल्ड मेडल दिया गया। वही सेकेंड टॉपर रही सैयद तुबा जमाल को सिल्वर मेडल मिला। इस दौरान गाम्बिया के प्रेजिडेंट के प्रेजिडेंट अडामा बैरो को डी. लिट् की मानद उपाधि भी प्रदान की गई। उपाधि को लेने भारत मे गाम्बिया के हाई कमिश्नर मुस्तफा जावरा मौजूद रहे।

इसके अलावा इनको मिले मेडल

अनम तनवीर – मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी बायोइनफॉर्मेटिक्स गोल्ड मेडल

सैयद तुबा जमाल बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन फाइनेंशियल सर्विसेज सिल्वर मेडल

कुल गोल्ड मेडल पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 85,

कुल सिल्वर मेडल पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 83,

इनको मिली डिग्री-

पीएचडी – 67,

पीजी – 708,

यूजी – 2493,

डिप्लोमा – 167,