हंगामें के आसार पर संदर्भ समिति के हवाले हुआ मंडी परिषद का सीमेंट घोटाला

सीमेंट घोटाला

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के कार्यवाहक मुख्य अभियंता ग्रेड-2 द्वारा बतौर डीडीसी गाजियाबाद में तैनाती के दौरान किए गए घोटाले की जांच मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी न करवाने का मुद्दा मंगलवार को विधान परिषद में गूंजा। एमएलसी शतरुद्र प्रकाश के सवाल का राज्यमंत्री स्वाति सिंह द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने के चलते डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा ने जवाब दिया। वहीं हंगामे के हालात देखते हुए पीठ ने यह पूरा मामला अब संदर्भ समिति को सौंप दिया।

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विधान परिषद में मंगलवार की कार्यवाही में पहला प्रश्‍न एमएलसी शतरुद्र प्रकाश का था। उन्होंने अल्पसूचित प्रश्‍न संख्या-एक के माध्यम से राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, स्वाति सिंह से पूछा कि क्या कृषि विपणन मंत्री सदन को यह अवगत कराएंगे कि मुख्यमंत्री के विशेष सचिव अमित सिंह ने मुख्यमंत्री के आदेश, जो कि 10 अगस्त, 2017 को प्रमुख सचिव कृषि विपणन को लिखा गया था, मुख्य अभियंता ग्रेड-2 व अन्य अभियंताओं के विरुद्ध किए गए घोटाले की जांच टीएसी से कराने के संबंध में था। उस जांच का अब तक क्या हुआ।

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सवाल का स्‍वाति सिंह संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी तो एमएलसी ने दोबारा सवाल किया कि इस कि क्या मुख्यमंत्री के आदेश के चार महीने बाद इस घोटाले की जांच के लिए टीएसी का गठन किया गया या नहीं। इस पर भी स्वाति सिंह संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी तो मामले में दूसरे एमएलसी भी सदन में हो-हल्ला करने लगे।

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जिसपर तत्‍काल मामला संभालते हुए उप मुख्‍यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने जवाब दिया कि टीएसी का गठन अभी प्रक्रिया में है, गठन होने के बाद एमएलसी को अवगत कराया जाएगा, लेकिन इस पर भी अन्य सदस्य लामबंद होने लगे, जिसको देखते हुए विधान परिषद के सभापति ने इस मामले को संदर्भ समिति को सौंप दिया।


मुख्यमंत्री के आदेश के चार महीने बाद भी इतने बड़े सीमेंट घोटाले के लिए टीएसी का गठन नहीं हुआ, इससे जीरो टॉलरेंस वाली सरकार का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। जब अभी टीएसी का गठन नहीं हुआ तो जांच क्या होगी। शतरुद्र प्रकाश, विधान परिषद सदस्य

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