कांग्रेस को दिया हाई कोर्ट ने झटका, टैक्स असेसमेंट केस में याचिका की खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय

आरयू वेब टीम। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कांग्रेस की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें कर अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ चार साल की अवधि के लिए कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही शुरू किए जाने को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा और न्यायमूर्ति पुरूषेन्द्र कुमार कौरव की पीठ ने कहा कि अन्य वर्ष के लिए पुनर्मूल्यांकन शुरू करने में हस्तक्षेप से इनकार करने के पहले के फैसले के अनुसार याचिकाएं खारिज की जाती हैं।

मौजूदा मामला वर्ष 2017 से 2021 तक के मूल्यांकन से संबंधित है। दरअसल कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में साल 2014-15,16 और 17 तक के आयकर विभाग द्वारा पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती दी गई थी। इसमें आयकर विभाग का कहना था कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि पार्टी की बची हुई आय 520 करोड़ रुपये से अधिक है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले तीन साल के लिए आयकर विभाग की टैक्स पुनर्मूल्यांकन प्रोसिडिंग के खिलाफ याचिका खारिज की थी। इससे पहले कांग्रेस ने पुनर्मूल्यांकन कार्रवाई का विरोध किया था। कांग्रेस के वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि कर पुनर्मूल्यांकन कार्रवाई पर समय सीमा लागू होती है। आयकर विभाग ज्यादा से ज्यादा छह मूल्यांकन वर्षों तक ही किया जा सकता है।

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पुनर्मूल्यांकन प्रोसिडिंग आयकर कानून के प्रावधानों के विपरीत की जा रही है, हालांकि आयकर विभाग ने दावा किया कि किसी वैधानिक प्रावधान का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। बरामद सामग्री के अनुसार पार्टी द्वारा छिपाई गई आय 520 करोड़ रुपये से ज्यादा है। हाल ही में हाई कोर्ट ने सौ करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाया टैक्स वसूली के लिए आयकर विभाग की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

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