आरयू वेब टीम। विधानसभा चुनावों के नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद एके एंटनी ने सक्रिय राजनीति, संसद और दिल्ली को अलविदा कहने का निर्णय लिया है। 81 वर्षीय एके एंटनी ने इसकी जानकारी के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र भी लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने केरल कांग्रेस को भी इस बारे में सूचित कर दिया है।
साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि वो अब राज्यसभा के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका राज्यसभा कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि तिरुवनंतपुर लौटने के लिए वो दिल्ली छोड़ रहे हैं। एके एंटनी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘मैंने सक्रिय राजनीति छोड़ने की जानकारी सोनिया गांधी को जानकारी दे दी है। मैंने कुछ महीने पहले ही सोनिया गांधी को बता दिया था। वहीं मैंने पीसीसी प्रेसिडेंट और अन्य साथियों को भी जानकारी दे दी है। पार्टी ने मुझे कई अवसर दिए और मैं हमेशा कांग्रेस का आभारी रहूंगा। अब मैं अप्रैल में दिल्ली छोड़कर तिरुवनंतपुरम जाना चाहता हूं।’
एके एंटनी 52 साल से राजनीति में हैं और 1970 में केरल में विधायक चुने गए थे। वो कांग्रेस की छात्र इकाई के नेता भी थे। केवल 37 साल की उम्र में ही वो मुख्यमंत्री बने थे। वो तीन बार केरल के मुख्यमंत्री रहे हैं। दस वर्षों तक केरल में कांग्रेस की कमान संभालने के बाद वो केंद्र में भी काम कर चुके हैं। वो पांच बार विधायक, पांच बार राज्यसभा के सांसद और तीन बार केन्द्रीय मंत्री भी रहे हैं। पिछले वर्ष केरल विधानसभा चुनावों के दौरान भी उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ने की बात कही थी। एके एंटनी सोनिया गांधी के काफी करीब भी माने जाते हैं।
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बता दें कि केरल की राजनीति में कांग्रेस के लिए उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान वह ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के महासचिव भी रहे हैं। वर्ष 2004 में वह केरल छोड़ दिल्ली चले गए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार में उन्होंने रक्षा मंत्री का दायित्व निभाया।