कांग्रेस ने मैनिफेस्टो की बैठक से किया UP विधानसभा कि चुनावी तैयारियों का श्रीगणेश, समाज के हर वर्ग को मनाने की है तैयारी

मैनिफेस्टो की बैठक
मैनिफेस्टो की बैठक करते सलमान खुर्शीद साथ में कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेतागण।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अगले साल देश के सबसे बड़े राज्‍य यूपी को फतह करने के लिए कांग्रेस ने आज से आधिकारिक रुप से तैयारियों का श्रीगणेश कर दिया है। साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए शनिवार को सूबे की राजधानी लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्‍यालय पर कांग्रेस मेनीफेस्टो कमेटी की पहली बैठक पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के नेतृत्‍व में आयोजित की गयी।

बैठक में जनता की समस्‍याओं से अवगत रहने वाले जमीनी के साथ ही वरिष्‍ठ नेता पहुंचे थे, जिन्‍होंने जनता की समस्‍याओं के साथ ही उनकी आवश्‍यकतों पर प्रकाश डाला। बैठक में तय किया गया कि मैनिफेस्टो में किसान, छात्र युवा, महिला, बेरोजगार व व्‍यापारियों समेत समाज के हर वर्ग को राहत पहंचाने वाले फैसलों की घोषणा की जाएगी। जिसे यूपी में कांग्रेस की सरकार बनते ही पूरा भी किया जाएगा। बैठक में आये प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्रवार समस्याओं के बारे में जानकारी लेने के साथ ही उनके द्वारा दिये गये लिखित एवं मौखिक सुझाव नोट किया गया।

बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रभारी संगठन वीरेंद्र चौधरी ने की। जिसमें मैनिफेस्टो कमेटी की सदस्य एवं कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’, पूर्व एमएलसी विवेक बंसल, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्‍ता सुप्रिया श्रीनेत एवं अमिताभ अनिल दुबे, अनीस अंसारी समेत प्रदेश कांग्रेस के फ्रंटल संगठन, विभाग एवं प्रकोष्ठ के अन्‍य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष के वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि आज मेनीफेस्टो कमेटी की पहली बैठक हुई है। आने वाले समय में इस प्रकार की कई बैठकें आयोजित होंगी जिसके बाद कांग्रेस का मेनीफेस्टो अपनी शक्ल लेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में तैयार होने वाला मेनीफेस्टो जनता का मेनीफेस्टो होगा और उसमें समाज के हर तबके के सवालात को हल करने का समाधान मौजूद रहेगा।

इसके साथ ही आज सलमान खुर्शीद एवं मेनीफेस्टो कमेटी के सदस्यों ने  विभिन्न राजकीय, स्वशासी, स्वायत्तशासी, आउटसोर्सिंग तथा संविदा कर्मचारी संगठनों के साथ वार्ता की। जिनमें प्रमुख रूप से शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिहन, संचार निगम, केंद्रीय कर्मचारी, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, बीएनए कर्मचारी यूनियन, कृषि, पंचायत, संविदा कर्मचारी यूनियन, नगर निगम, मनरेगा संविदा कर्मचारी संघ समेत 69 संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।