आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। पॉश कालोनी में शुमार गोमतीनगर के विशेष खण्ड स्थित एक घर के बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे गोदाम में वेल्डिंग कारीगर के प्लाई के नीचे दबकर जान जाने और पुलिस की लापरवाही का मामला सोमवार को सामने आया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, मामले की गंभीरता से जांच और मुआवजे की मांग को लेकर आज मृतक के परिजनों व गोमतीनगर से सटे डिगडिगा के सैकड़ों ग्रामीणों ने विशाल खण्ड में सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने घटना के 24 घंटें बीत जानें के बाद भी विभूति खण्ड पुलिस पर मुकदमा दर्ज नहीं करने का आरोप लगाने के साथ ही एलडीए के अधिकारियों पर घर के बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे गोदाम को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया। चक्काजाम की सूचना पाकर मौके पर पहुंची गोमतीनगर पुलिस ने करीब तीन घंटें की मशक्कत के बाद शव को हटवाकर ग्रामीणों से सड़क खाली कराया। वहीं ग्रामीणों की नाराजगी के बाद विभूतिखण्ड ने ठेकेदार और गोदाम मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
बताया जा रहा है कि विशाल खण्ड एक के पास स्थित डिगडिगा गांव निवासी रामरतन यादव का बेटा दिनेश यादव (32) गांव के निवासी ठेकेदार जागेश यादव के साथ वेल्डिंग का काम करता था। दिनेश के बड़े भाई प्रेम यादव ने बताया कि रविवार की सुबह जागेश ने दिनेश को एक अन्य कारीगर जसीम के साथ विशेष खण्ड के मकान (संख्या बी-3/111) के बेसमेंट में बने प्लाई के गोदाम में वेल्डिंग के काम के लिए भेजा था।
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कल दोपहर जागेश के भाई ने दिनेश के घर आकर उसकी पत्नी मिशीला को बताया कि प्लाई की रैक गिरने के चलते उसके नीचे दबकर दिनेश की मौत हो गयी। भाई प्रेम यादव ने बताया कि सूचना पाकर भागते हुए घरवालें गोदाम पहुंचें तो पुलिस ने वहां ताला बंद कर रखा था। बाद में ताला खोला गया तो पता चला कि गोदाम में लगा सीसीटीवी कैमरा भी हटाया जा चुका है। जबकि दिनेश की लाश लोहिया अस्पताल में रखी हुई थी, उसके सिर पर गंभीर रूप से लगी चोट के निशान थे। विभूति खण्ड पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच करने की जगह शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर अपना कोरम पूरा कर लिया।
चक्काजाम कर जताई हत्या की आशंका
वहीं आज दोपहर पोस्टमॉर्टम होने के बाद शव के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने लाश को सीएमएस तिराहे से मनोज पांडेय चौराहे की ओर जाने वाली सड़क पर रखकर चक्काजाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। जाम की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर गोमतीनगर ने अपनी टीम के साथ जाम खुलवाने का प्रयास किया तो दिनेश की मौत के पीछे साजिश का अंदेशा जताते हुए आरोपितों के खिलाफ बिना मुकदमा लिखे सड़क से हटने से लोगों ने इंकार कर दिया। इस दौरान पुलिस की ग्रामीणों से तीखी बहस भी हुई, लेकिन परिजन व ग्रामीण हत्या व साक्ष्य मिटाने की आशंका जताते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। बाद में मौके पर पहुंचें पूर्व विधायक रविदास मेहरोत्रा के भी प्रदर्शनकारियों को समझाने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराने के आश्वासन पर करीब तीन घंटें बाद चक्काजाम समाप्त हुआ।
न्याय के लिए करना पड़ा चक्काजाम
मृतक के चाचा शिव प्रसाद यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभूति खण्ड पुलिस मामले में लगातार लीपापोती कर रही है। रविवार को दिनेश की मौत होने के बाद पुलिस ने मुकदमा तक दर्ज नहीं किया। जिसकी वजह से आज उन लोगों को न्याय के लिए मजबूरी में चक्काजाम करना पड़ा। वहीं एलडीए के अधिकारियों ने भी मिलीभगत कर घर में मानकों के विपरीत अवैध गोदाम बनवाया था। एलडीए वीसी से भी इसकी शिकायत कर वो लोग कार्रवाई की मांग करेंगे।
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वहीं इंस्पेकटर विभूति खण्ड कहना था कि प्लाई का भारी-भरकम रैक गिरने से उसके नीचे दबकर दिनेश की मौत हुई है। घटना के समय दिनेश का साथी जसीम भी वहां मौजूद था। जसीम की सूचना पर लोगों ने दिेनेश को रैक के नीचे से निकालकर लोहिया अस्पताल पहुंचाया था। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। सीसीटीवी से छेड़छाड़ का भी आरोप गलत है।
पत्नी का सुहाग, मासूमों का साया व बूढ़ें मां-बाप का सहारा था दिनेश
वहीं दिनेश की मौत से उसके घरवालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घर केे इकलौते कमाने वाले दिनेश के ऊपर पत्नी मिशीला के अलावा मासूम बेटे अंशू (चार वर्ष) व टीटू (दो वर्ष) के साथ ही बूढ़ें मां-बाप को सहारे देने व उनके खर्च उठाने की भी जिम्मेदारी थी। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि दिनेश के इस तरह से चले जाने के चलते उसके परिवार के भरण-पोषण के लिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।
एसपी नार्थ ने बताया कि पत्नी के आज तहरीर देने पर ठेकेदार और मकान में गोदाम चलाने वाले विपुल खण्ड निवासी एस गर्ग के खिलाफ धारा 304 (ए) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। साथ ही आचार संहिता के बीच सड़क जाम करने वालों के खिलाफ भी गोमतीनगर कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गयी है।