आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नाका इलाके में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद पुलिस, एसटीएफ और एटीएस को छका रहे हत्यारोपित अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन खुर्शीद को गुजरात एटीएस ने आखिरकार धर दबोचा है। एटीएस को ये कामयाबी हत्या के पांचवें दिन गुजरात-राजस्थान बॉर्डर पर दोनों के पहुंचने पर मंगलवार की देर शाम मिली है। गुजरात के सूरत निवासी इन दोनों आरोपितों को पूछताछ व कानूनी लिखा-पढ़ी के बाद जल्द गुजरात एटीएस यूपी पुलिस के हवाले कर देगी।
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एटीएस गुजरात के डीआइजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि सूरत निवासी दोनों वांटेड अशफाक और मोइनुद्दीन पठान को शामलाजी के पास गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया है। गुजरात एटीएस को जानकारी थी कि वे गुजरात में प्रवेश करने जा रहे हैं। उसी आधार पर हमने अपनी टीम को सीमा पर तैनात किया और उन्हें पकड़ लिया गया।
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गुजरात एटीएस की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार पकड़ा गया 34 वर्षीय आरोपित अशफाक हुसैन एमआर का काम करता है, जबकि 27 साल का मोइनुद्दीन फूड डिलवरी बॉय का काम करता है। एटीएस के अनुसार दोनों ने हत्या करने की बात कबूल ली है।
इससे पहले गुजरात एटीएस की सहायता से ही गुजरात से घटना में शामिल तीन साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। साजिश रचने के आरोप में मौलाना मोहसिन, राशिद पठान और फैजान की लखनऊ कोर्ट में आज पेशी हुई, जहां से तीनों को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
यूपी पुलिस के दबाव के चलते पहुंचे गुजरात: डीजीपी
कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार की रात डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के दबाव के चलते ही दोनों कहीं भी तीन-चार घंटें से ज्यादा नहीं रुक पा रहे थे। बरेली शाहजहांपुर समेत पुलिस, एसआइटी व एसटीएफ की टीमें उनके पीछे सब जगह लगी हुई थी। इसी डर की वजहें से वो अपने इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को भी इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।
आर्थिक स्थित हो गयी थी दयनीय
डीजीपी ने बताया कि लगातार चलते रहने की वजहें से हत्यारोपितों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी थी। इस बात की भी हमें सूचना मिली थी। यूपी पुलिस के दबाव और ईनाम घोषित हो जाने के बाद दोनों खौफ में भी थे। इन सब कारणों से दोनों ने यूपी से भागना ही ठीक समझा। ओपी सिंह ने कहा कि बाकी कि अन्य बातें उनसे पूछताछ में पता चलेगी।
मद्दगारों पर भी होगी कार्रवाई
वहीं डीजीपी ने कहा कि इस पूरे मामले में अभियुक्तों के अलावा इन चार दिनों में उनके पीछे जिस-जिस की भी भूमिका रही, जिन्होंने उनकी सहायता की उन सबसे पूछताछ कि जाएगी। पूछताछ के आधार पर जो तार जुड़ेंगे उसके आधार पर भी उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि नाका कोतवाली के खुर्शीदबाग में 18 अक्टूबर की दोपहर हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके ही कार्यालय में चाकू से गला रेतने व गोली मारने के बाद हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड के बाद देशभर में सनसनी मच गयी थी।
मामले में तीन साजिशकर्ताओं को घटना के अगले दिन ही पकड़ लिया गया था, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद घटना को लखनऊ आकर अंजाम देने वाले अशफाक और मोइनुद्दीन हर बार पुलिस, एसटीएफ व एटीएस की टीमों को चकमा देकर बच जा रहा था। सोमवार को इस संगीन मामले में डीजीपी ने दोनों आरोपितों पर ढाई-ढाई लाख रुपए का ईनाम भी घोषित कर दिया था।