#HathrasCase: CBI की चार्जशीट पर बोलीं प्रियंका गांधी, “सत्‍य की हुई जीत, सत्‍ता पक्ष ने तो मौत के बाद भी पीड़िता के सम्मान पर चोट पहुंचाने में नहीं छोड़ी कोई कसर”

चार्जशीट दाखिल
प्रेसवार्ता में अपनी बात रखतीं अराधना मिश्रा साथ में उमाशंकर पांडेय व ओमकारनाथ सिंह।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। हाथरस में दलित युवती के साथ गैंगरेप व हत्‍या के मामले में शुक्रवार को सीबीआइ द्वारा हाई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते ही योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी है। चार्जशीट में सीबीआइ द्वारा दलित युवती के साथ गैंगरेप व हत्‍या की बात मानने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि आखिरकार सत्‍य की आज जीत हुई है।

साथ ही योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष ने जीते जी एवं मौत के बाद भी पीड़िता के सम्मान पर चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दूसरी ओर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा मोना ने शव को आधी रात जलवाने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ भी सबूत मिटाने की धारा 201 के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए केस चलाने की मांग की है।

अपने बयान में प्रियंका ने पत्रकारों से कहा है कि एक बार आज फिर सत्य की जीत हुई। हाथरस केस में सीबीआइ द्वारा चार आरोपितों के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में साफ हुआ कि पीड़िता का भयावह गैंगरेप कर उसकी हत्या की गई थी।

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सरकार को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस की यूपी प्रभारी  ने कहा कि चार्जशीट में सामने आए तथ्य योगी सरकार, यूपी पुलिस, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, जिला अधिकारी हाथरस एवं सरकार के आला अफसरों के ऊपर गंभीर सवाल खड़ा करते हैं। सत्ता पक्ष ने जीते जी एवं मरने के बाद भी पीड़िता के सम्मान पर चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पीड़िता के शव को आधी रात में बिना परिवार की सहमति के जला दिया गया।

इतना ही नहीं आला अधिकारियों व नौकरशाहों ने खुलेआम बलात्कार न होने को प्रचारित किया, पीड़ित परिवार को धमकी दी गई एवं पीड़िता को बदनाम करने की कोशिश की गई। सच्चाई दिखाने वाले पत्रकारों कोभी धमकाया गया। हालांकि, यूपी सरकार की सत्ता की पूरी ताकत व धमक सत्य को नहीं दबा सकी।

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साथ ही प्रियंका ने कहा कि मैं 19 साल की उस लड़की की मां की पीड़ा को आज तक नहीं भूल पाई हूं। उसकी मां को अपनी बेटी को अंतिम विदाई देने से भी वंचित कर दिया गया। उसका पूरा परिवार अपनी बेटी के लिए बस न्याय मांग रहा था।

वहीं प्रियंका ने संतोष जताते हुए कहा कि मुझे ये देखकर अच्छा लगा कि इस केस में न्याय दिलाने की दिशा में सीबीआइ द्वारा कदम उठाया गया। मुझे आशा है कि इस मामले में पूरे साहस के साथ न्याय की आस लगाए बैठे एवं न्याय की लड़ाई लड़ रहे परिवार को कुछ राहत मिलेगी।

इसके साथ ही आज इस मामले में कांग्रेस मुख्‍यालय पर प्रेसवार्ता करते हुए कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता अराधना मिश्रा मोना ने कहा है कि हाथरस कांड में सीबीआइ की चार्जशीट ने योगी सरकार के कथन को झूठा साबित कर दिया है और सरकार की सच छिपाने की साजिश भी नाकाम हो गयी।

मोना ने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि हाथरस की बिटिया के साथ निर्दयतापूर्वक बलात्कार किया गया, उसे यातनायें दी गयी और उसे मारा गया। हर स्तर पर हर मुमकिन कोशिश की गयी कि हत्यारे बच जायें, लेकिन न्याय के लिये राहुल गांधी एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के संघर्ष ने सच सामने ला दिया।

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अराधना मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा मैं सीबीआइ जांच कीमॉनिटरिंग करने वाली हाई कोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ का भी इसके लिए आभार व्‍यक्‍त करतीं हूं, यही नहीं मीडिया के प्रति भी मैं आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने सच्चाई सामने लाने के लिये संघर्ष ही नहीं किया, बल्कि ऐतिहासिक भूमिका का निर्वहन किया।

मोना ने आगे कहा कि मैं मांग करती हूं कि जब हत्या और बलात्कार की सच्चाई सामने आ गयी है तो रात्रि के अंधेरे में हिंदू संस्कारों के खिलाफ और मां, भाई समेत अन्‍य और परिजनों को बंद कर जिन्‍होंने भी चिता जलाकर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया, उन सभी के खिलाफ आइपीसी की धारा 201 के तहत एफआइआर दर्ज करके उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जाए।

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प्रेसवार्ता में कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर एवं प्रदेश प्रभारी प्रदीप नरवाल, प्रदेश प्रवक्‍ता ओंकारनाथ सिंह, डॉ. उमा शंकर पांडेय व कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद भी मौजूद रहें।