होर्डिंग को लेकर हाईकोर्ट की सख्‍त टिप्‍पणी से कांग्रेस द्वारा योगी सरकार पर लगाए तानाशाही रवैय के आरोप की पुष्टि: अजय कुमार

लल्लू को सजा

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उपद्रव के आरोपितों का पोस्‍टर चौराहों पर लगाने के मामले का हाईकोर्ट द्वारा स्‍वत: संज्ञान लेने व नाराजगी जताने के बाद कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने आज अपने एक बयान में कहा है कि सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में कथित रूप से शामिल रहे लोगों के सार्वजनिक रूप से चैराहों पर फोटो एवं पता सहित होर्डिंग्स लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने और लखनऊ के डीएम एवं डिवीजनल पुलिस कमिश्‍नर को अवकाश के दिन तलब कर सुनवाई करने एवं सरकार और प्रशासन पर की गयी टिप्पणियों जिसमें यह कहना कि शासन-प्रशासन संविधान से ऊपर नहीं है और उसकी जवाबदेही तय होगी, इससे कांग्रेस द्वारा शुरू से सरकार पर लगाये जा रहे तानाशाही रवैये की आरोपों की पुष्टि हो गयी है।

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उन्‍होंने आगे कहा कि साथ ही यह भी साफ हो गया है कि योगी सरकार लोकतंत्र, संविधान और आम जनता के मौलिक अधिकारों का हनन करने और बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान को नष्ट करने व लोकतंत्र की हत्या करने पर अमादा है।

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लल्‍लू ने कहा कि योगी सरकार एवं उसके प्रशासन द्वारा होर्डिंग्स लगाने को हाईकोर्ट ने निजता के अधिकार का उल्लंघन माना है और तल्ख टिप्पणी करते हुए फटकार लगायी है। न्यायालय ने इसे राज्य और नागरिकों के प्रति अपमान की संज्ञा देते हुए सरकार को हिदायत भी दी है कि ऐसा काम नहीं किया जाना चाहिए जिससे किसी के दिल को ठेस पहुंचे। उन्होने कहा कि न्यायालय द्वारा इस प्रकार फटकार लगाना, किसी भी चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार और संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति के लिए शर्मनाक है।

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प्रदेश अध्‍यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री के लिए लोकतंत्र और मानवाधिकार मजाक है। सीएम को यह पता होना चाहिए कि प्रदेश संविधान से चलेगा, मठ की किताब से नहीं। अब सरकार को बताना होगा कि उन्होने किस नियम के तहत प्रदर्शनकारियों के होर्डिंग्स लगवाएं थे।

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