आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। निकम्मे अधिकारियों की कारस्तानी के चलते मंगलवार को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का पारा उस समय हाई हो गया। जब उनके सरकारी आवास सात कालिदास पर फरियादियों का रेला उमड़ पड़ा। फरियादियों को गंभीरता से सुनने के बाद आज खुद उप मुख्यमंत्री ने माना कि जिलों में अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं।
बेबाकी से सच स्वीकारते हुए उन्होंने मीडिया से कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए विभिन्न जिलों से लखनऊ पहुंच रहे है। इसका सीधा अर्थ है कि अधिकारी आम आदमी की समस्याओं के निराकरण में रूचि नहीं ले रहे हैं। गरीब जनता को समस्याओं के हल के लिए लखनऊ आना पड़े ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यह अत्यंत गंभीर बात है। जिस विभाग की अधिक शिकायतें आ रही है उन विभागों के तथा जिलों के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
इन लोगों ने की शिकायत
जनसुनवाई में ग्राम केसरपुर बरेली के राम बल्लभ फरीदपुर सुल्तानपुर के राम कुमार प्रजापति, अजयपुर उन्नाव की लता कुमारी, सिरसा मैनपुरी की मुन्नी देवी सहित अनेक लोगों ने अवैध कब्जा हटवाने की अपील की।
जबकि कानपुर के गुलाब सिंह ठट्टा गांव अंबेडकरनगर की छाया पाठक, किरयारा लखीमपुर खीरी के मशरुर खां, नगला मैनपुरी की सीमा देवी, मुरगवा शाहजहांपुर की ईश्वरी देवी समेत तमाम लोगों द्वारा पुलिस प्रशासन द्वारा सहयोग न देने तथा उत्पीड़न की शिकायत की। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने डेढ़ सौ से अधिक लोगों की समस्यायें सुनी तथा जल्द ही निराकरण कराने का आश्वासन दिया।
इस दौरान उन्होंने कई जिलों के जिला मजिस्ट्रेट तथा पुलिस अधीक्षकों से भी बात की तथा समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिए।
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जन सुनवाई के दौरान अधिकांश शिकायतें अवैध कब्जे तथा पुलिस व प्रशासन की आयी। इसके अलावा इण्डिया मार्का हैण्डपम्प, आवास, पेंशन, भ्रष्टाचार की जांच, सोलर लाइट, दहेज उत्पीड़न, चिकित्सा हेतु आर्थिक मदद, अपहरण, मजदूरी न दिए जाने, सड़क की मरम्मत, शौचालय निर्माण में धांधली तथा नीलगाय से फसलों की सुरक्षा के लिए की गयी थी।